जेनेवा, 29 जनवरी (हि.स.)। एक फरवरी को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का एक वर्ष पूरा हो जाएगा। उससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के अन्य देशों ने म्यांमार में हिंसक अभियान रोकने के लिए दुनिया पर दबाव बनाने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने म्यांमार में सेना से देश के नागरिकों के खिलाफ हिंसा रोकने और नागरिक शासन की बहाली की अपील भी की है।
मिशेल बाशेलेट ने बताया कि इस सप्ताह उन्होंने ऐसे दृढ़ निश्चयी और साहसिक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से, उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ देने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने ऐसे ठोस और असरदार उपाय करने का भी आग्रह किया है जिनसे उनके अधिकारों की रक्षा और सेना की जवाबदेही सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि वे न सिर्फ म्यांमार में, बल्कि दुनिया की अन्य सरकारों से भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की इस अपील को सुनने का आग्रह करती हैं।
उन्होंने कहा कि ये म्यांमार में मानवाधिकार और लोकतंत्र की बहाली के लिये तात्कालिकता के साथ प्रयास बढ़ाने का समय है। साथ ही ये यह सुनिश्चित करने का भी समय है कि देश में व्यवस्थागत मानवाधिकार हनन और दुर्व्यवहारों की जवाबदेही निर्धारित की जाए। बाशेलेट ने बताया कि उन्होंने रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीतियां सुनी हैं। वहां पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है, कारखानों में काम करने वाले कामगारों को डराने, धमकाने के साथ उनका शोषण करते हुए उन्हें जबरन खामोश किया जा रहा है। इनके अलावा नस्लीय व धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न भी हो रहा है।