सुदीप और आशीष की घोषणा, फरवरी के पहले सप्ताह में गैर कम्युनिस्ट और गैर भाजपा दल सामने आयेगा

अगरतला, 29 जनवरी । त्रिपुरा में बहुत जल्द एक नया राजनीतिक समीकरण उभरेगा। संभवत: फरवरी के पहले सप्ताह में त्रिपुरा में गैर कम्युनिस्ट और गैर भाजपा ताकतों का उदय होगा। यह बात आज भाजपा विधायक सुदीप रॉय वर्मन के करीबी विधायक आशीष कुमार साहा ने कही है। सुदीप बाबू ने भी कहा, प्रतीक्षा अभी थोड़ी देर की है। इसके लिए पूरे त्रिपुरा में जनसंपर्क किया जा रहा है।


भाजपा के बागी विधायक सुदीप रॉय बर्मन और विधायक आशीष कुमार साहा पिछले कुछ दिनों से त्रिपुरा में दौरे कर रहे हैं। आज दोनों ने एमएलए हॉस्टल नंबर 2 में अपने करीबी नेताओं से मुलाकात की है। बैठक के अंत में विधायक आशीष कुमार साहा ने कहा कि उपनगरों के कुछ नेताओं ने आज अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। वे गैर कम्युनिस्ट राजनीति के वाहक थे। इतना ही नहीं, 2018 में त्रिपुरा में सत्ता परिवर्तन भी उन्हीके बदोलोत हुआ था। हालाँकि, आज वे कई तरह से बंचित हो गए में हैं।


उनके शब्दों में राजनीति की मुख्यधारा से जनहित में काम करने के इच्छुक नेताओं को एक साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि, अतीत में लोगों से वादा किया गया था, त्रिपुरा की सरकार सभी हिस्सों के लोगों के साथ मिलकर चलेगी। हालाँकि, वर्तमान स्थिति के संदर्भ में, नए विचार सामने आए हैं। उनके मुताबिक मौजूदा शासक और सत्ताधारी पार्टी की अदूरदर्शिता और भ्रष्टाचार के कारण लोगों को अब सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसलिए सभी को संगठित कर एक नई दिशा में आगे बढ़ना संभव है।


उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कई दिनों से त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विचार एकत्र किए जा रहे हैं। राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता की भावना की रक्षा करने वाली एक संगठित ताकत के उभरने के बाद जल्द ही एक बड़े फैसले की घोषणा की जाएगी। गैर कम्युनिस्ट और गैर भाजपा के खिलाफ बड़ी ताकत बनकर उभरेगी। उनका दावा है कि फरवरी में इसकी घोषणा की जाएगी। कुछ काम बाकी है। एक बार पूरा होने के बाद, संदेश संभवत: फरवरी के पहले सप्ताह में त्रिपुरा के लोगों तक पहुंच जाएगा।


सुदीप रॉय बर्मन ने भी इसी लहजे में कमेंट किया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लोग लोकतंत्र की ऑक्सीजन नहीं ले पा रहे है। उनको दहशत में जीना पड़ रहा है। बोलने की शक्ति खो चुकी है। इसलिए लोकतांत्रिक अधिकारों और विरोध की भाषा को फिर से हासिल करने और लोगों को खुली हवा में सांस लेने की व्यवस्था की जा रही है। इस उद्देश्य से पूरे त्रिपुरा में जनसंपर्क किया जा रहा है, उन्होंने स्पष्ट भाषा में कहा।

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