पेरिस, 29 जनवरी (हि.स.)। कोविड काल में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तहस नहस होने के कगार पर है। ऐसे में फ्रांस ने पिछले 52 साल में सबसे मजबूत आर्थिक विकास पिछले साल 2021 में हासिल किया है। वर्ष 2021 में फ्रांस के 7 फीसदी की दर से विकास के आंकड़े दुनिया को हैरान कर देने वाले हैं। जो पिछले 52 सालों में सबसे ज्यादा है।
यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले फ्रांस में महज तीन महीने बाद ही चुनाव होने हैं। इन आंकड़ों ने राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रोन की आर्थिक उपलब्धियों को देश के सामने रख दिया है। उम्मीद की जा रही है कि मैक्रोन इस बार के चुनाव में भी उम्मीदवार होंगे।
आंकड़े जारी करने वाली सांख्यिकी एजेंसी आईएनएसईई ने प्राथमिक रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था का आखिरी तिमाही में 0.7 फीसदी के दर से विकास हुआ। इससे पहले तीसरी तिमाही में विकास की दर 3.1 फीसदी थी। रिपोर्ट में अर्थशास्त्रियों के हवाले से आखिरी तिमाही में 0.5 फीसदी के दर से विकास होने का अंदाजा लगाया था। साल के आखिर में उम्मीद से अच्छे विकास दर का मतलब है कि 2021 के पूरे साल में अर्थव्यवस्था ने 7 फीसदी की दर से विकास किया है। इससे पहले 1969 में आर्थिक विकास दर इतना रहा था। कोरोना के पहले साल यानी 2020 में सख्त लॉकडाउन के कारण फ्रांस की अर्थव्यवस्था तकरीबन 8 फीसदी कम हो गई थी।
वित्त मंत्री ब्रूने ले माय ने कहा कि फ्रेंच अर्थव्यवस्था ने शानदार वापसी की है और उसने आर्थिक संकट को दूर कर लिया है। पर्यटन और होटल जैसे क्षेत्र अभी भी समस्या होने के बावजूद मजबूत वापसी कर रहा है, नौकरी के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। कोविड बद पांचवीं लहर के कारण कारोबार और ग्राहकों पर एक बार फिर कड़ी पाबंदियां ने संक्रमण को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
2022 में अर्थव्यवस्था ने नरमी के बावजूद फ्रांस के सेंट्रल बैंक का कहना है कि मौजूदा लहर का आर्थिक असर बेहद कम होगा। वरिष्ठ अर्थशास्त्री जेसिका हिंड्स का कहना है कि सब कुछ कहा जा चुका है, अप्रैल के राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंच तैयार है। राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रोन 2021 के जीडीपी के नंबरों से खुश होंगे।
आईएनएसईई का कहना है कि अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में संकट से पहले के दौर में लौट गई है। यह वो समय था जब वैक्सीनेशन के अभियान ने जोर पकड़ा और सरकार ने कोविड-19 की पाबंदियां हटा दीं।चौथी तिमाही में ग्राहकों ने अपने खर्चे बढ़ाए जिसकी वजह से विकास हुआ। हालांकि यह इससे पहले की तिमाही की तुलना में थोड़ा कम ही था. दूसरी तिमाही में जब लॉकडाउन के बाद कारोबारी गतिविधियां चालू हुईं तो ग्राहकों के खर्च ने 5.6 फीसदी तक की उछाल भरी थी।