इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने के मामले पर होगी 25 फरवरी को सुनवाई

नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने के आरोपित पुलिस अधिकारियों को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई टाल दी। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने 25 फरवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय देने की मांग की। उसके बाद कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके पहले 3 जनवरी को भी सीबीआई ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की थी।

कोर्ट ने 22 नवंबर 2021 को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से एएसजी एसवी राजू ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। दरअसल 13 अगस्त 2021 को केरल हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों एस विजयन, थंपी एस दुर्गादत्त, आरबी श्रीकुमार और आईबी के पूर्व अधिकारी एस जयप्रकाश को अग्रिम जमानत प्रदान की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2021 को इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने तकनीक विदेशियों को बेच दिया। बाद में सीबीआई जांच में पूरा मामला झूठा निकला था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर 2018 में नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया था। नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सिबी मैथ्यू ने जासूसी कांड की जांच की थी।

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