नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा ( एसकेएम) ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों से किए गए वादों पर ध्यान नहीं दे रही है । इस लिए मोर्चा 31 जनवरी को देश भर में “विश्वासघात दिवस” मनाने को मजबूर है।
मोर्चे ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को तत्काल वापस लेने और शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है । इस लिए किसान 31 जनवरी को पूरे देश में “विश्वासघात दिवस” मनाएंगे । इसके तहत जिला और तहसील स्तर पर बड़े प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन जोर शोर से इसकी तैयारी में जुटे हैं ।
मोर्चे ने कहा कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किए जानी की तैयारी में किसान संगठन लगे हुए हैं । इस प्रदर्शनों में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा। आज संयुक्त किसान मोर्चा की कोऑर्डिनेशन समिति की बैठक में इस कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की गई।
मोर्चे ने अपने बयान में कहा कि सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि 15 जनवरी के फैसले के बाद भी भारत सरकार ने 09 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। आंदोलन के दौरान हुए केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है । एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है ।
मोर्चे ने यह स्पष्ट किया है कि आगामी 23 और 24 फरवरी को देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी और प्राइवेटाइजेशन के विरोध जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान को संयुक्त किसान मोर्चा का पूरा समर्थन और सहयोग है। इस संबंध में किसी भी भ्रांति की गुंजाइश नहीं है।