त्रिपुरा में समर्थन मूल्य पर धान की फिर से खरीद शुरू, सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है: सुशांत

अगरतला, 26 जनवरी | सरकार ने त्रिपुरा में नए साल पर किसानों से सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदना शुरू कर दिया है। मजलिसपुर विधायक एवं मंत्री सुशांत चौधरी ने आज जिरानिया अनुमंडल के माधब्बरी स्थित अंतरराज्यीय ट्रक टर्मिनस पर जिरानिया अनुमंडल के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के किसानों से धान की खरीद शुरू की। उन्होंने वहां मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव को हमारे राज्य के किसानों के प्रति हमेशा सहानुभूति रही है। उनके निर्देशन में सरकार ने किसानों से रियायती दामों पर धान खरीदना शुरू कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि किसानों को खुले बाजार में धान बेचने के बजाय सरकारी खरीद केंद्रों पर अधिक कीमत मिलती है। त्रिपुरा सरकार इसका फायदा सिर्फ किसानों को देने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए त्रिपुरा सरकार के ठोस प्रयास के तहत एफसीआई इस साल फिर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद रहा है। इसने त्रिपुरा के इतिहास में एक मिसाल कायम की है। इसी के तहत एफसीआई ने जिरानिया अनुमंडल के किसानों से माधबबारी स्थित अंतरराज्यीय ट्रक टर्मिनस पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शुरू कर दी है।

उन्होंने दावा किया कि धान के दाम बढ़ाने को लेकर किसानों का उत्साह बढ़ा है नतीजतन, उपज में वृद्धि हुई है। एमएसपी की शुरुआत के बाद से त्रिपुरा में सैकड़ों हजारों किसान लाभान्वित हुए हैं। बेशक, त्रिपुरा सरकार का वित्तीय बोझ बढ़ा है, लेकिन किसानों को आर्थिक रूप से फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व में त्रिपुरा में एमएसपी के माध्यम से धान की खरीद का कोई प्रावधान नहीं था। इससे किसान वंचित रह गए थे। बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार किसानों से 1,940 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद रही है। इस साल त्रिपुरा सरकार ने किसानों से 20,000 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। मंत्री ने कहा, “हमें इस साल के लक्ष्य को पार करने की उम्मीद है।” उन्होंने राज्य के किसानों से धान को नजदीकी कृषि विभाग या अनुमंडल कार्यालय में बेचकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री का लाभ उठाने की अपील की। यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे कि सभी किसान धान की एक निश्चित मात्रा को सरकारी रियायती कीमतों पर बेच सकें।

इस दौरान उन्होंने सरकारी धान उपार्जन केंद्र पर मौजूद अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सब्सिडी वाले दामों पर धान बेचने के लिए किसानों को किसी भी तरह से परेशान न किया जाए।

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