नौसेना के 40 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों ने भागीदारी की
– सामरिक परिदृश्य में कई हथियारों से फायरिंग का हुआ अभ्यास
नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना का संयुक्त समुद्री अभ्यास ‘पश्चिम लहर’ 20 दिनों तक चलने के बाद खत्म हो गया। अभ्यास का मकसद नौसेना की पश्चिमी कमान की परिचालन संबंधी योजनाओं को मजबूत करना था। साथ ही भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय थल सेना एवं तटरक्षक बल के बीच आपसी तालमेल बढ़ाने के उद्देश्य से यह अभ्यास आयोजित किया गया था।
पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के तत्वावधान में आयोजित इस इंट्रा-थिएटर अभ्यास में भारतीय नौसेना के 40 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों ने भागीदारी की। इसके अलावा भारतीय नौसेना के समुद्री टोही विमान पी-8आई, डोर्नियर्स, आईएल 38 एसडी, मानव रहित हवाई प्रणाली और मिग-29के युद्धक विमान (स्ट्राइक एयरक्राफ्ट) शामिल हुए। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना ने अभ्यास के लिए लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई एवं जगुआर, समुद्री युद्धक विमान (मेरीटाइम स्ट्राइक एयरक्राफ्ट), हवा में ईंधन भरने वाले विमान (फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट) और अवाक्स को तैनात किया।
इस अभ्यास में एयर डिफेन्स बैटरी सहित भारतीय थल सेना के विभिन्न अंगों को भी शामिल किया गया। लंबे समय के बाद तटरक्षक बल के कई अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी), तेज गश्ती पोत (एफपीवी) और एयर कुशन वेसल्स ने भी अभ्यास ‘पश्चिम लहर’ में भाग लिया। विभिन्न सेटिंग्स के तहत परिचालन संबंधी मिशनों एवं दायित्वों के सत्यापन के अलावा इस अभ्यास के दौरान सामरिक परिदृश्य में विभिन्न प्रकार के हथियारों से फायरिंग की गई। इस अभ्यास ने हिस्सा लेने वाले सभी बलों को समसामयिक समुद्री चुनौतियों के बीच एक साथ मिलकर काम करने का अवसर प्रदान किया।