दो वायु योद्धाओं को नक्सली क्षेत्र में साहसिक मिशन के लिए मिले मेडल्स

नई दिल्ली, 26 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस पर वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर सूरज नायर और विंग कमांडर चिन्मय पात्रो को असाधारण साहस का प्रदर्शन करने के लिए वायु सेना पदक (शौर्य) से नवाजा गया है। वायुसेना के दोनों जांबाजों ने नक्सलियों से घिरे क्षेत्रों में हवाई रेकी करने के बाद दो अलग-अलग साहसपूर्ण मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोनों वायु योद्धाओं ने हमले के स्थल से आठ शहीदों के पार्थिव शवों और 22 शवों को निकालने में मदद की।

स्क्वाड्रन लीडर सूरज नायर

स्क्वाड्रन लीडर सूरज नायर (32105) एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर यूनिट में तैनात हैं। स्क्वाड्रन लीडर नायर ने 03 अप्रैल, 2021 को एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में घात लगाकर किये गए हमले में खतरनाक स्थल से घायलों को सुरक्षित निकालने के एक साहसपूर्ण मिशन में स्वेच्छा से भाग लिया। उन्होंने मिशन के लिए प्रभावी योजना और इसके सफलतापूर्ण कार्यान्वयन के लिए नियंत्रण केंद्र में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को अहम जानकारी दी। इस मिशन के प्रमुख के तौर पर उन्होंने थोड़े से ही वक्त में हेलीकॉप्टर की तैयारी करके नक्सल प्रभावित इलाके में जाने की योजना बनाई। घात लगाकर हमला करने वाले इस स्थल की रेकी करने के बाद उनकी अहम जानकारी ने इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पहाड़ियों के निकट शत्रु के तौर पर नक्सलियों की सक्रिय मौजूदगी के कारण इस अनजान क्षेत्र में संचालित यह मिशन काफी जोखिम से भरा था। शुरुआती रेकी के दौरान उन्होंने शत्रुओं की क्षमता और ताकत की जानकारी लेने के साथ ही वहां से सुरक्षित निकलने के मार्ग की भी जानकारी जुटाई। उन्होंने मिशन लीडर के तौर पर घायलों को सुरक्षित निकालने के दौरान बेहतरीन जागरुकता का प्रदर्शन करते हुए तीसरे हेलीकॉप्टर को प्रभावी ढंग से निर्देशित किया। उनके सफल हेलीकॉप्टर संचालन की बदौलत ही खतरनाक लैंडिंग और ऊंचे वृक्षों से घिरी इस असुरक्षित जगह से अपने साथियों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनके कुशल प्रबंधन ने शत्रुओं से घिरे इस इलाके में मिशन को शानदार ढंग से अंजाम दिया। उन्होंने इन घात लगाकर हमला करने वाली जगहों से आठ शहीदों के पार्थिव शवों को निकाला। इन अभियानों को बढ़ाने के लिए उन्होंने इसमें 120 कमांडो को शामिल किया। नक्सलियों से घिरे क्षेत्रों में असाधारण साहस और अपनी जान की परवाह किए बिना संचालित किए गए अभियानों के लिए स्क्वाड्रन लीडर सूरज नायर को वायु सेना पदक (वीरता) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

विंग कमांडर चिन्मय पात्रो

विंग कमांडर चिन्मय पात्रो को 03 अप्रैल, 2021 को ‘ऑपरेशन त्रिवेणी’ के तहत नक्सलियों के घातक हमले के बाद तीन विमान कैजुअल्टी इवैक्यूएशन मिशन का नेतृत्व करने के लिए तैनात किया गया था। उच्च जोखिम वाले इस मिशन के तहत शत्रुओं के बीच एक अपरिचित क्षेत्र में उतरना था। उन्होंने प्रारंभिक योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और निकटतम नोडल हेलीपैड के लिए दो विमानों के गठन का नेतृत्व किया। हवाई रेकी के बाद हेलीपैड पर उतरने के तुरंत बाद उन्होंने जमीन पर मौजूद बलों से स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया और ‘ऑन-साइट कैस इवैक’ के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।

उन्होंने शत्रुओं के बीच उस क्षेत्र में हवाई सहायता प्रदान करने के लिए तीसरे हेलीकॉप्टर को उड़ाने की योजना बनाई।हालांकि मिशन के दौरान हताहतों की तादाद वाली ऐसी जगह देखी गई जो पहले बताई गई जगह से कुछ दूरी पर स्थित थी। विंग कमांडर पात्रो ने दृश्य संकेतों, मित्र सैनिकों की उपस्थिति और आस-पास के क्षेत्र के स्कैन के आधार पर हताहतों की निकासी जारी रखने के लिए निर्णय लिया। उसके बाद उन्होंने खतरे वाले क्षेत्रों से बचने के लिए चतुराई से एक चाल चली और मुठभेड़ स्थल से सटी एक छोटी सी जगह पर बिना तैयारी के उतर गए। वह सात हताहतों को एयरलिफ्ट कर रायपुर ले गए और उसके बाद उन्होंने दूसरे हेलीकॉप्टर को लैंडिंग साइट की ओर निर्देशित किया।

असाधारण प्रतिबद्धता और दिमागी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए उनकी त्वरित कार्रवाई ने उनकी टीम को 18 हताहतों और 22 शवों को घात स्थल से निकालने में मदद की। उन्होंने घात स्थल के आसपास के क्षेत्र में लगभग 120 सैनिकों के सुदृढीकरण की भी व्यवस्था की। काफी जोखिम वाले इस मिशन को स्वेच्छा से स्वीकार करने और उसे अंजाम तक पहुंचाने के कारण अनमोल जीवन की रक्षा हुई। इस दौरान विंग कमांडर पात्रो ने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया जिससे जमीन पर बलों का मनोबल बढ़ाने में मदद मिली। ऑपरेशन त्रिवेणी के दौरान एक अत्यंत शत्रुतापूर्ण क्षेत्र में व्यक्तिगत सुरक्षा परवाह किए बिना असाधारण साहस का प्रदर्शन करने वाले कार्य के लिए विंग कमांडर चिन्मय पात्रो को वायु सेना पदक (शौर्य) से सम्मानित किया गया है।

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