इस्लामाबाद, 26 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब विपक्ष ने पाकिस्तान दिवस पर 23 मार्च को ‘लॉंग मार्च’ का एलान किया है। 23 मार्च को ही इस्लामी सम्मेलन संगठन के शिखर सम्मेलन के आयोजन का हवाला देकर यह मार्च स्थगित करने की सरकार की मांग को विपक्षी दल मानने को तैयार नहीं हैं।
23 मार्च को पाकिस्तान दिवस पर सैन्य परेड के साथ इस्लामबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा उसी दिन इस्लामी सम्मेलन संगठन (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस यानी ओआईसी) का विशेष शिखर सम्मेलन भी आयोजित होना है।
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने विपक्ष से इस ‘लॉंग मार्च’को स्थगित करने और पाकिस्तान दिवस पर रैली न करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि 23 मार्च को देशवासी पाकिस्तान दिवस मना रहे होंगे। साथ ही इस्लामिक सम्मेलन संगठन के शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी मेहमान भी देश में मौजूद रहेंगे। इस कारण विपक्ष को यह आयोजन पुनर्निर्धारित करना चाहिए।
सरकार के इन प्रयासों के बावजूद विपक्ष मार्च टालने को तैयार नहीं है। विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि हम पहले ही मार्च की तिथियां घोषित कर चुके थे। देश में महंगाई चरम पर है। अर्थव्यवस्था संकट में है। आम आदमी की जरूरतों को पूरा न कर सकने वाली इमरान खान सरकार का सत्ता में रहना देशहित में नहीं है। इसलिए यह मार्च जरूर होगा और विपक्ष की रैली भी हर हाल में होगी।