आईटीबीपी के आठ जवानों को सम्मानित करने की घोषणा

नई दिल्ली, 26 जनवरी (हि.स.)। 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के आठ अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न जीवन रक्षा पदकों से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोरा ने पदक प्राप्तकर्ता पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी हैं।

उत्तम जीवन रक्षा पदक

-जहीर अहमद, सिपाही (जीडी)

-मोहम्मद हुसैन, सिपाही (जीडी)

-शौकत अली, सिपाही (जीडी)

इनके पराक्रम की कहानी: 18 फरवरी, 2021 को सूचना मिली कि आईटीबीपी की लेह स्थित मुरगो चौकी से पांच किमी. दूर इंडिया गेट नामक लोकेशन के पास एक सिविल ट्रक और दो सेना के वाहन आपस में टकराने से दुर्घटनाग्रस्त होकर बहुत गहरी खाई में जा गिरे हैं। सूचना मिलते ही आईटीबीपी की टीम तुरंत हरकत में आ गई तथा घटना स्थल पर पहुंचकर तुरंत बचाव व तलाशी अभियान शुरू किया।

बचाव दल ने देखा कि गहरी खाई में सेना के वाहन के नीचे घायल व्यक्ति दबे हुए हैं। लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर हुए इस हादसे वाली जगह पर तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे था और तेज ठंडी हवाएं चल रही थीं, जो बचाव दल को अपना अभियान चलाने से रोक रही थीं।

विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच बचाव दल में शामिल सिपाही (जीडी) शौकत अली, सिपाही (जीडी) जहीर अहमद और सिपाही (जीडी) मोहम्मद हुसैन, जो वहां के जमीनी हालातों से वाकिफ थे, उन्होंने गहरी खाई में उतरने का फैसला किया, ताकि सभी घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। रस्सी के सहारे तीनों आईटीबीपी के जवान मलबे से भरी गहरी खाई में उतरे तो उनको घायल सेना के जवानों की आवाज सुनाई दी।

आवाज के दिशा में जाने पर उनको दो सेना के बुरी तरह घायल जवान जिनके नाम नायक ए.के. सिंह और नायक रहमान थे, दिखाई दिए, जिनको रस्स्यिों के सहारे खाई से बाहर निकाला गया और उनको आवश्यक प्राथमिक उपचार प्रदान कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

इसके अलावा आईटीबीपी के इस बचाव दल ने दो सेना के जवानों के मृतक पार्थिव शरीरों को भी बाहर निकाला। उक्त बचाव व तलाशी अभियान में आईटीबीपी के बचाव दल के तीनों सदस्यों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुए प्रतिकूल मौसमी हालातों में अदम्य साहस, मानवता और बहादुरी का परिचय दिया गया, जिसके लिए इन्हें ‘उत्तम जीवन रक्षा पदक’ से सम्मानित किया गया है।

जीवन रक्षा पदक

-प्रदीप सिंह, हेड कांस्टेबल (जीडी)

-सतवीर सिंह, हेड कांस्टेबल (मेडिक्स)

-विजय सिंह, सिपाही (जीडी)

-विमल चंद शाह, निरीक्षक (जीडी)

-विनोद लाल, सिपाही (जीडी)

इनके पराक्रम की कहानी: 08 सितंबर, 2020 को उत्तराखंड में 14,698 फीट की ऊंचाई पर स्थित प्रथम वाहिनी, जोशीमठ, आईटीबीपी की टोपीडुंगा अग्रिम चौकी पर एक 19 वर्षीय सिविल नौजवान जिनका नाम मनोज था, को बेहोशी की हालत में लाया गया। यह नवयुवक एक निर्माण कार्य में श्रमिक था। आईटीबीपी की चौकी पर पदस्थ हेड कांस्टेबल (मेडिक्स) सतबीर सिंह द्वारा बेहोश नौजवान का प्राथमिक चेक-अप किया गया, और उसे तत्काल ऑक्सीजन दी गई, लेकिन नौजवान की हालत में अस्थिरता बनी रही।

जीवन रक्षा के लिए चौकी कमांडर निरीक्षक (जीडी) विमल चंद शाह द्वारा नौजवान को आकस्मिक स्थिति में चौकी से नीचे ले जाने का फैसला लिया गया। कड़ाके की सर्दी और लगभग 40 किमी. पैदल का ऊबड-खाबड रास्ता तय करने चौकी प्रभारी द्वारा एक हिमवीरों का दल तैयार किया गया जिसमें हेड कांस्टेबल (मेडिक्स) सतवीर सिंह, हेड कांस्टेबल (जीडी) प्रदीप कुमार, सिपाही (जीडी) विजय सिंह व सिपाही (जीडी) विनोद लाल सम्मिलित थे।

उक्त दल द्वारा बेहोश नौजवान को स्ट्रेचर पर लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ कड़कड़ाती ठंड और पथरीले रास्ते में अपने कंधों पर पैदल चलकर सुरक्षित स्थान लपथल चौकी लाया गया जहां से सड़क मार्ग द्वारा जोशीमठ ले जाकर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उसके जीवन को सुरक्षित बचा लिया गया। चौकी प्रभारी द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय और बचाव दल द्वारा दिखाए गए साहस और मानवीयता के लिए इन्हें ‘जीवन रक्षा पदक’ से सम्मानित किया गया है।

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