मुंबई, 25 जनवरी (हि.स.)। बहुचर्चित वसूली मामले की सुनवाई कर रहे चांदीवाल आयोग के समक्ष पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को चांदीवाल आयोग के समक्ष परमबीर सिंह पर एंटिलिया मामले में राज्य सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अनिल देशमुख ने एंटिलिया मामले में एंटी टेरोरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की ओर से की गई प्राथमिक जांच के कागज-पत्र राज्य सरकार को सौंपने की भी मांग की है। आयोग ने इस मामले की सुनवाई 3 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
चांदीवाल आयोग के समक्ष आज अनिल देशमुख की ओर से उनके वकील गिरीश कुलकर्णी ने कहा कि 25 फरवरी, 2021 को मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटिलिया बंगले के पास जिलेटिन भरी कार पाई गई थी। जिस कार में से जिलेटिन बरामद की गई थी, वह व्यापारी हिरेन मनसुख की थी, जिनका शव 5 मार्च को ठाणे की खाई में पाया गया था। इस मामले में सचिन वाझे को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह राज्य सरकार को गुमराह कर रहे थे जबकि एटीएस ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण कागज-पत्र इकट्ठा कर मंत्रालय में अधिकारियों को दिखाए थे। परमबीर सिंह इससे अलग ही जानकारी गृहमंत्रालय को दे रहे थे। एटीएस की ओर इकठ्ठा किए गए कागजपत्र राज्य सरकार को चाहिए, ताकि यह रिकार्ड पर रह सके।
अनिल देशमुख ने आयोग को बताया कि एटीएस की ओर से जुटाए गए कागज-पत्र के आधार पर ही परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया था। इसके बाद परमबीर सिंह ने 20 मार्च, 2021 को प्रतिशोध स्वरूप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसके बाद परमबीर सिंह के वकील अनुकूल शेठ ने तथा सचिन वाझे के वकील ने अनिल देशमुख के इस वक्तव्य पर आपत्ति दर्ज की। इसके बाद चांदीवाल आयोग ने मामले की सुनवाई 3 फरवरी तक स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री ने इसकी जांच करने के लिए सेवानिवृत्त जज के.यू.चांदीवाल की अध्यक्षता में चांदीवाल आयोग का गठन किया है।