नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे राज्य की पुलिस को दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना दिल्ली से किसी को गिरफ्तार कर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऐसी घटनाएं इन दिनों बढ़ी है।
दरअसल, द्वारका की एक महिला ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा है कि अक्टूबर 2021 में तेलंगाना राज्य की पुलिस उसके लड़के को उठाकर ले गई। याचिका में कहा गया है कि तेलंगाना पुलिस ने उसके लड़के को दिल्ली के संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किए बिना ही तेलंगाना लेकर चली गई। तेलंगाना में भी उसे 72 घंटे के बाद कोर्ट में पेश किया गया। याचिका में कहा गया है कि महिला के लड़के को नवंबर 2021 में जमानत मिल गई थी लेकिन उसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील संजय लॉ ने कहा कि लड़का दूसरे पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार में रहता था और उसे किसी दूसरे इलाके से उठाया गया। उन्होंने कहा कि याचिका तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर की जानी चाहिए थी। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसे मामलों से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है।
कोर्ट ने कहा कि अगर कोई याचिका दायर करता है तो दिल्ली पुलिस को इस बात का जवाब देना होगा कि क्या दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई थी। अगर उन्हें सूचना नहीं दी गई तो उन्हें तेलंगाना पुलिस से इसकी पुष्टि करनी चाहिए। अगर तेलंगाना पुलिस कहती है कि वो लड़के को उठाकर ले गई तब दिल्ली पुलिस का रुख क्या होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि लड़के की कोई खोज-खबर नहीं ली जाए। उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस ने 9 फरवरी तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।