इस श्रृंखला की 3 नावें पहले ही बेड़े में शामिल होने से समुद्र में बढ़ी है नौसेना की ताकत
– समुद्री परीक्षणों में ही बोलार्ड पुल टग्स ने नौसेना की जरूरतों के मुताबिक किया है प्रदर्शन
नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। बोलार्ड पुल टग्स की श्रृंखला में बनाई गई 50 टन की चौथी और आखिरी नाव ‘बलबीर’ भारतीय नौसेना को सौंप दी गई। इस श्रृंखला की 03 नावें पहले ही नौसेना में शामिल की जा चुकी हैं जिससे समुद्र में भारत की ताकत में बढ़ोतरी हुई है। इन बड़ी नावों को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने (एचएसएल) ने पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित किया है। यह नावें 12 समुद्री मील तक की गति से दौड़ सकती हैं। समुद्री परीक्षणों के दौरान ही बोलार्ड पुल टग्स ने अपनी क्षमताओं को साबित करके नौसेना की जरूरतों के मुताबिक प्रदर्शन किया है।
भारतीय नौसेना का विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के साथ 50 टन की 4 बोलार्ड पुल टग के निर्माण का अनुबंध 19 फरवरी, 2021 को हुआ था। एचएसएल ने इस श्रेणी की तीन बड़ी नावें पहले ही नौसेना को सौंप दी हैं, जिससे सहायता सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और भारतीय नौसेना की फ्लीट परिसंपत्तियों की उच्च परिचालन क्षमता बढ़ी है। टग्स ‘वीरन’ और ‘बलराज’ को पिछले साल अक्टूबर और दिसंबर में नेवल डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में और ‘बलराम’ को 30 अक्टूबर को नेवल डॉकयार्ड, मुंबई में शामिल किया गया है। यह नावें ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप रक्षा मंत्रालय की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
इस श्रृंखला की चौथी और आखिरी नाव ‘बलबीर’ 24 जनवरी को नेवल डॉकयार्ड, मुंबई को सौंप दी गई। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने 50 टन का बोलार्ड पुल टग ‘बलबीर’ बनाने के साथ ही इस तरह की बड़ी नावें बनाने में दोहरा शतक लगा दिया है क्योंकि, एचएसएल में निर्मित यह 200वां पोत है। इसे 20 साल के जीवनकाल के साथ भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के वर्गीकरण नियमों के तहत एचएसएल ने डिजाइन और निर्मित किया है। यह सीमित पानी में बर्थिंग, अन-बर्थिंग, टर्निंग और पैंतरेबाजी में एयरक्राफ्ट कैरियर और पनडुब्बियों सहित बड़े नौसैनिक जहाजों की सहायता कर सकती है। 12 समुद्री मील तक की अधिकतम गति के साथ यह बड़े जहाजों की जलमग्न अग्निशामक सहायता करने, खोज और बचाव कार्यों में भी सक्षम है।
नेवल डॉकयार्ड (मुंबई) में भारतीय नौसेना को सौंपने के लिए एचएसएल के इंजीनियर शुक्रवार को ‘बलबीर’ के साथ रवाना हुए थे। समुद्री परीक्षणों के दौरान ही बोलार्ड पुल टग्स ने अपनी क्षमताओं को साबित करके नौसेना की जरूरतों के मुताबिक प्रदर्शन किया है। एचएसएल के निदेशक (कॉर्पोरेट योजना एवं कार्मिक) कमांडर जेपी गुप्ता ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर की चुनौतियों के बावजूद समय से चारों बड़ी नावें भारतीय नौसेना को सौंपने के लिए बधाई दी। ध्वजवाहक समारोह में कमोडोर कुंजुमन ई. मैथ्यू, निदेशक (जहाज निर्माण) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।