नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि भारत में पर्यटन क्षेत्र से ही 30 प्रतिशत रोजगार पूरी तरह से उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को पहले पांच लाख पर्यटक वीजा का मुफ्त वितरण और बौद्ध सर्किट से इस क्षेत्र को निश्चित ही बहुत लाभ होगा। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किये गए एक वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता करते हुए रेड्डी ने स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक ‘पर्यटक क्लब’ खोलने के निर्णय की सराहना की। पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए सुधार के लिए की जा रही पहल पर प्रकाश डालते हुए उन्होंंने कहा कि उन्हें गर्व है कि भारत सरकार का हर एक विभाग देश में पर्यटन क्षेत्र को नए आयाम देने के लिए एकजुट तथा उत्साहित होकर काम कर रहा है।
इस अवसर पर चार केंद्रीय सचिव भी उपस्थित थे। इनमें कपड़ा मंत्रालय के सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव लीना नंदन, पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह और संस्कृति मंत्रालय में सचिव गोविंद मोहन शामिल थे।
इस मौके पर जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने नदियों और पर्यटन के बीच संबंध के बारे में बातचीत की। गंगा के विकास एवं संरक्षण के लिए निर्मल गंगा, अविरल गंगा, ज्ञान गंगा तथा जन गंगा जैसे कुछ वर्गीकरणों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने ‘अर्थ गंगा’ तथा क्षेत्र में ‘सांस्कृतिक पर्यटन’ के माध्यम से घाटियों के आसपास रहने वाले लोगों की आमदनी और रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी चर्चा की।
इस वर्ष राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की थीम ‘ग्रामीण और समुदाय केंद्रित पर्यटन’ है। इस कार्यक्रम के दौरान ‘अतुल्य गंगा परिक्रमा’ विषय पर एक रोचक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया और भारत के 75 कम-ज्ञात पर्यटन स्थलों पर आधारित एक पुस्तक का डिजिटल विमोचन किया गया।