बिहार के धीरज को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित

मगरमच्छ से बचाई भाई की जान

– प्रधानमंत्री से कहा- फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं

पटना, 24 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (पीएमआरबीपी) का वितरण किया। उन्होंने बच्चों को ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए डिजिटल सर्टिफिकेट और पुरस्कार राशि दी। इन पुरस्कारों के लिए देशभर से 61 बच्चों को चुना गया था। इसमें 32 बच्चों को पिछले साल के लिए और 29 बच्चों को इस साल पीएमआरबीपी-2022 के लिए चुना गया। इन बच्चों में से एक बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड अन्तर्गत चौमुखा पंचायत के रहने वाले 14 वर्षीय धीरज कुमार भी हैं।

धीरज को इस साल गणतंत्र दिवस-2022 पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। यह पुरस्कार धीरज के उस साहसिक कदम के लिए दिया जा रहा है जब बीते साल धीरज अपने भाई की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया था। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धीरज से उनकी उस घटना के बारे में जाना और भविष्य के बारे में भी सवाल किये।

धीरज ने प्रधानमंत्री मोदी को अपनी घटना के बारे में बताया कि बीते वर्ष दो सितंबर को गंडक नदी के छाड़न में मैं और मेरा भाई भैंस को नहला रहे थे। इसी दौरान मगरमच्छ ने चुपके से उसके छोटे भाई नीरज कुमार (11) पर हमला कर दिया। अपने छोटे भाई को मगरमच्छ के गिरफ्त में फंसा देख उसने पानी में छलांग लगा दी थी। करीब 10 मिनट तक वो मगरमच्छ से भिड़ा रहा, लेकिन अपने छोटे भाई को सुरक्षित निकालकर ही माना।

मगरमच्छ को हराने के बाद धीरज अपने छोटे भाई को सुरक्षित बाहर ले आया। इस दौरान दोनों भाई जख्मी हो गये थे। दोनों का इलाज स्थानीय सरकारी अस्पताल में चला था। प्रधानमंत्री ने जब धीरज से यह सवाल किया कि क्या वो मगरमच्छ से डरा नहीं तो उसका जवाब था कि मुझे तब केवल मेरा छोटा भाई सामने दिख रहा था। धीरज ने बताया कि वो फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता है।

खेती करते हैं धीरज के पिता

धीरज के पिता राजबली यादव किसान हैं। मां घर के कामों के बाद पिता के काम में भी मदद करती हैं। दोनों बच्चे धीरज और नीरज ग्रामीण स्कूल में पढ़ाई के साथ पिता के काम में हाथ बंटाते हैं।

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