बेतिया, 24 जानवरी (हि.स)। भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पश्चिम चम्पारण जिले के धीरज कुमार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। उक्त कार्यक्रम में देश के 21 राज्यों के 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिसमें पश्चिम चम्पारण जिले के धीरज कुमार का भी नाम शामिल है। डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पुरस्कार प्रदान करने के लिए स्थानीय स्तर पर एनआइसी के सभागार में व्यवस्था की गयी थी जहां धीरज कुमार के साथ उनके माता-पिता, भाई-बहन सहित जिलाधिकारी कुंदन कुमार, अपर समाहर्ता नंदकिशोर साह उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करने के उपरांत प्रधानमंत्री ने धीरज कुमार से संवाद भी किया। प्रधानमंत्री ने विस्तारपूर्वक धीरज के साथ हुई घटना के बारे में जाना । उन्होंने धीरज से पूछा कि घटना के वक्त आपको डर नहीं लगा। धीरज ने कहा कि उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ मेरा भाई ही दिखाई दे रहा था, उसकी जान किसी भी कीमत पर बचानी थी। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप बड़ा होकर क्या बनना चाहते हैं। धीरज ने कहा कि मैं फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने जो साहस दिखाया है, परिवार की चिंता की है, अपने भाई को बचाया है, यह बहुत ही अच्छी बात है। साहस, संयम और बुद्धिमता का परिचय देते हुए आपने अपने भाई को बचा लिया है। उन्होंने कहा कि हिम्मत से किसी की जिन्दगी को बचा देना अपने आप में प्रेरक है। आपके अंदर देशभक्ति की भावना भी है। आपको बहुत शुभकामनाएं। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री जी ने बच्चों से कहा कि बड़े काम करने के लिए उम्र छोटी नहीं होती है। आप सभी सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा हैं। जो भी करें, पूरा मन लगाकर करें। इस सोच के साथ करें कि मेरा काम देश को कैसे लाभ पहुंचा रहा है।
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने धीरज कुमार एवं उनके माता-पिता, भाई-बहन से बातचीत की। जिलाधिकारी ने धीरज को बधाई और शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि पुरस्कार के तहत मिली राशि से अच्छे तरीके से पढ़ाई-लिखाई करों और देश की सेवा करों।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अंतर्गत बाल शक्ति पुरस्कार प्राप्त धीरज कुमार उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चौमुखा में कक्षा 08 का छात्र है। 01 सितम्बर 2020 को दोपहर लगभग 02 बजे धीरज अपने छोटे भाई नीरज के साथ अपने भैंसों को नहलाने गंडक नदी गया था। भैंसो को नहलाने के क्रम में नीरज पर एक मगरमच्छ ने अचानक हमला बोल दिया एवं उसके पैरों को पकड़कर बुरी तरह से घायल कर दिया। धीरज ने बहादुरी का परिचय देते हुये बिना भयभीत हुए अपने छोटे भाई को मगरमच्छ से लड़कर छुड़ाया एवं छुड़ाकर किनारे पर ले आया। इस दौरान वह स्वयं भी बुरी तरह से घायल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल दोनों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के पश्चात दोनों स्वस्थ हो गये।
उक्त घटना को लेकर जिलाधिकारी ने धीरज की प्रशंसा की और धीरज को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए अनुशंसा भेजने का निदेशक सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पश्चिम चम्पारण को निर्देश दिया था। पूरी घटना की जांच सहित ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया करने के उपरांत जिला प्रशासन ने धीरज को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए अनुशंसा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार को भेजी । जिसके आलोक में आज धीरज को प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नरेन्द्र मोदी ने डिजिटली ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से पुरस्कृत किया है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार नवाचार, वीरता, शैक्षणिक उपलब्धि, समाज सेवा, कला और संस्कृति तथा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 05-18 आयु वर्ग के बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में पदक, प्रशस्ति पत्र के साथ एक लाख रूपये की राशि दी जाती है।