झांकी में नौसेना के स्वदेशी युद्धपोतों और ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को दर्शाया गया
– मार्चिंग दस्ते में 96 पुरुष, तीन प्लाटून कमांडर और एक आकस्मिक कमांडर शामिल होंगे
– नौसेना बैंड का राजपथ पर 18वीं बार नेतृत्व करेंगे मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर विंसेंट जॉनसन
नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। इस बार गणतंत्र दिवस परेड में नौसेना अपनी झांकी में देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएसी) ‘विक्रांत’ को राजपथ पर दिखाएगी। इसके अलावा झांकी में नौसेना की ताकत बढ़ाने वाले स्वदेशी युद्धपोतों और भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाया गया है। यह झांकी राष्ट्र की सेवा में युद्ध की तैयारी को बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को उजागर करने का प्रयास करती है। नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 96 पुरुष, तीन प्लाटून कमांडर और एक आकस्मिक कमांडर शामिल होंगे।
मार्चिंग दस्ते की कमान आईएनएएस 314 में तैनात लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के हाथों में होगी। उन्हें जून, 2016 में कमीशन किया गया था। नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 96 पुरुष, तीन प्लाटून कमांडर और एक आकस्मिक कमांडर शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों की कड़ी मेहनत के बाद नौसेना का मार्चिंग दस्ता पूरे जोश और गर्व से भरा हुआ है। टीम के प्रत्येक सदस्य में सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने मार्च करने के लिए सम्मान की भावना है। नौसेना टीम के हर सदस्य में अद्वितीय उत्साह और ऊर्जा है। गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय नौसेना दल का नेतृत्व करना वास्तव में सम्मान की बात है।
मार्चिंग दस्ते की तैयारियों के बारे में आईएनएस राजाली में तैनात एयर इलेक्ट्रिकल ऑफिसर लेफ्टिनेंट कमांडर कुशाल अग्रवाल ने कहा कि दस्ते के प्रत्येक सदस्य ने उच्चतम स्तर का प्रदर्शन करने के लिए दो महीने तक कड़ा और समर्पित अभ्यास किया है। मार्चिंग दस्ते ने पिछले दो माह के हर दिन की शुरुआत योग्य गनरी, ड्रिल प्रशिक्षकों की देखरेख में सूर्योदय से पहले वार्मअप, स्टैंडिंग और मार्चिंग ड्रिल के साथ की है। हम गणतंत्र दिवस पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में सैन्य मार्चिंग बैंड की सबसे बेहतरीन धुनों में से एक ‘जय भारती’ की धुन पर राष्ट्रपति के सलामी डायस के सामने मार्च पास्ट करने के लिए तैयार और उत्साहित हैं।
नौसेना की झांकी
गणतंत्र दिवस परेड में पेश की जा रही भारतीय नौसेना की झांकी ‘कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल एंड कोसिव’ की थीम पर तैयार की गई है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष को देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है, इसलिए स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में नौसेना के योगदान को झांकी में दर्शाया गया है। नौसेना की झांकी के बारे में आईएनएस इंडिया में तैनात लेफ्टिनेंट प्रीति ने बताया कि यह झांकी राष्ट्र की सेवा में युद्ध की तैयारी को बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण को उजागर करने का प्रयास करती है। झांकी में भारतीय नौसेना की बहुआयामी क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया गया है।
आईएनएस राजाली में तैनात विमानन अधिकारी लेफ्टिनेंट मयंक भगौर ने नौसेना की झांकी के बारे में कहा कि झांकी का अगला भाग 1946 के नौसेना विद्रोह को और पिछला भाग 1983 से 2021 तक नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को दर्शाता है। हवा में हल्के लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का मॉडल, स्वदेशी मिसाइल कार्वेट कोरा, विध्वंसक विशाखापत्तनम, बाईं ओर फ्रिगेट शिवालिक और पी-75 पनडुब्बी कलवरी, फ्रिगेट गोदावरी और विध्वंसक दिल्ली के मॉडल के साथ केंद्र स्तर पर है। ट्रेलर के निचले हिस्से पर भारत में भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाया गया है।
नौसेना बैंड
मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर (संगीतकार) सब लेफ्टिनेंट विंसेंट जॉनसन के नेतृत्व में भारतीय नौसेना का विश्व प्रसिद्ध ब्रास बैंड राजपथ पर कुछ चुनिन्दा धुन बजाएगा। यह 18वीं बार होगा जब सब लेफ्टिनेंट विंसेंट जॉनसन गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर मार्च करेंगे। वह भारत के राष्ट्रपति के सामने ड्रम प्रमुख के रूप में 72 सदस्यीय नौसैनिक बैंड का नेतृत्व करेंगे, जिसमें लाखों लोग भारत के गणतंत्र समारोह को देखेंगे। विंसेंट जॉनसन बताते हैं कि वह सिडनी से मॉरीशस और सेंट पीटर्सबर्ग से एडिनबर्ग तक दुनिया भर में विभिन्न सैन्य कार्यक्रमों में भारतीय नौसेना बैंड का नेतृत्व कर चुके हैं लेकिन गणतंत्र दिवस परेड उनके दिल के सबसे करीब है। इस बार परेड में भारतीय बेड़ा, रजत जयंती, आईएनएस विक्रांत, ब्लू फील्ड, आईएनएस इंडिया, जल निधि, स्वर्ण जयंती, जय भारती और सारे जहां से अच्छा…धुनें बजाई जाएंगी।