ओस्लो, 22 जनवरी (हि.स.)। भुखमरी व आर्थिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के शासकों को अब मानवीय संवेदनाएं याद आयी हैं। तालिबान का प्रतिनिधि मंडल पश्चिमी दुनिया से मदद मांगने के लिए नार्वे पहुंचा है। वहां अगले तीन दिन 23 से 25 जनवरी तक प्रस्तावित शिखर वार्ता में नार्वे, अमेरिका व यूरोपीय संघ के देशों के प्रतिनिधि मंडलों से तालिबान की बातचीत होगी।
तालिबान के उप प्रवक्ता इनामुल्ला समांगानी ने इस यात्रा को सकारात्मक करार देते हुए कहा कि नार्वे सरकार के निमंत्रण पर तालिबान का प्रतिनिधि मंडल ओस्लो पहुंचा है। वहां इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोग नार्वे के अधिकारियों के अलावा अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों के दूतों के साथ महत्वपूर्ण मसलों पर विचार विमर्श करेंगे। नार्वे के विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की पुष्टि करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के मसले पर प्रस्तावित एक उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन में लड़कियों की शिक्षा में आ रही बाधाओं के साथ मानवाधिकारों तक उनकी पहुंच पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें अफगानिस्तान से आया तालिबान का प्रतिनिधि मंडल भी भाग लेगा।
नार्वे के विदेश मंत्री ने कहा कि यह शिखर वार्ता तालिबान की वैधता या मान्यता का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। हमारी कोशिश देश के वास्तविक अधिकारियों से बात करने की है क्योंकि हम राजनीतिक स्थिति को और भी बदतर मानवीय आपदा की ओर नहीं ले जा सकते। इस वर्ष तालिबान की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता बढ़ी है। इससे पहले इसी माह अफगानिस्सतान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ईरान का दौरा किया था।