नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने 27 दिनों के लिए दिल्ली में एंटी ड्रोन, पैरा ग्लाइडर, यूएवी, एंटी माइक्रो एयरक्राफ्ट क्षेत्र घोषित कर दिया है, वहीं संदिग्धों पर नजर रखने के लिए भी राजपथ व आसपास व परेड रूट को इजरायली सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक फेस रिकग्निशन सिस्टम (एफआरसी) समेत कई आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसके अलावा राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम के अलावा परेड मार्ग और झांकी दस्ते की सुरक्षा को लेकर करीब 10 हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
सुरक्षा का आलम यह है कि राजपथ से लेकर पूरे परेड मार्ग पर निगरानी रखने के लिए बहुमंजिला इमारतों पर शार्पशूटर और स्नाइपर तैनात किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के तहत सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। चार स्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। केवल नई दिल्ली जिले में अर्द्धसैन्य बल की 50 कंपनियों के साथ 5000 से 6000 कर्मियों की तैनाती की गई है। सभी संवेदनील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है और व्यस्त बाजारों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
दर्जन भर कमांडो वाहन ‘पराक्रम’ तैनात
राजपथ, परेड और वीआईपी रूट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जा रहे हैं। रूट के अलावा राजपथ और आसपास के दायरे में पुलिस ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस दर्जन भर कमांडो वाहन ‘पराक्रम’ को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगाया जा रहा है। सुरक्षा तैयारियों के मद्देनजर इन कमांडो वाहनों के साथ सुरक्षाकर्मी अपनी-अपनी पोजिशन ले रहे हैं। इसमें से कुछ आसपास के इलाके में गश्त भी करेंगी।
मोबाइल कंट्रोल रूम बनाए गए
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान जो भी स्थान और इमारतें संवेदनशील मानी गई हैं, वहां दिल्ली पुलिस के ब्लैककैट कमांडो तैनात किए जाएंगे। जबकि आपात स्थिति में संचार की मदद के लिए चलते-फिरते ‘मोबाइल-कंट्रोल-रूम’ भी बनाए गए हैं। इन विशेष किस्म के मोबाइल कंट्रोल-रूम के खुफिया कॉल-साइन भी निधारित कर दिए गए हैं, जो आपात स्थिति में सिर्फ दिल्ली पुलिस ही सुन व समझ पाएगी।
नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
सुरक्षा कारणों से चूंकि आसमान पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं तो जमीन पर भी धारा-144 लागू होगी। ऐसे में सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय डंड सहिता 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि आतंकवादी, अपराधी या कोई असामाजिक तत्व आम लोगों या गणमान्य लोगों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को खतरा न पहुंचाएं, इसे देखते हुए ये प्रतिबंध लगाया गया है।