जैसलमेर, 22 जनवरी (हि.स.)। भारत- पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) राजस्थान फ्रंटीयर ने शनिवार से ऑपरेशन सर्द हवा शुरू किया है। बल ने सीमा पर अपनी नियमित गश्त और चौकसी बढ़ा दी है।
बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार शनिवार से शुरू यह ऑपरेशन 28 जनवरी तक चलेगा। बॉर्डर पर तारबंदी के नजदीक जवानों के साथ उनका हौसला अफजाई करने अधिकारी भी तैनात रहेंगे और कड़ी निगरानी रखी जाएगी। ऑपरेशन सर्द हवा के चलते बीएसएफ की सभी विंग एक्टिव रहेगी। इस दौरान बीएसएफ ने सरहद पर नफरी बढ़ाई है। ऑपरेशन के दौरान तारबंदी में जहां गैप ज्यादा है उस गैप पर भी ज्यादा नजर रखी जाएगी। ज्यादा से ज्यादा डिजिटल गैजेट्स का उपयोग किया जाएगा। सीमावर्ती गांवों पर नजर रखी जाएगी। बीएसएफ के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर गश्त करेंगे।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस तथा सर्दी के मौसम में सीमा पर धुंध और कोहरे की स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ विशेष अलर्ट मोड पर रहती है। इन दिनों सीमावर्ती इलाकों में सर्दी का अधिक असर रहता है। सर्दी के मौसम में देर रात से सुबह तक धुंध भी छा जाती है। इस धुंध का फायदा उठाकर किसी भी प्रकार से घुसपैठ न हो, इसके लिए ऑपरेशन अलर्ट के तहत कड़ी निगरानी रखी जाती है।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान सीमान्त के महानिरीक्षक (आईजी) पंकज घूमर ने बताया कि यह ऑपरेशन एक सप्ताह तक चलेगा। इस ऑपरेशन के दौरान हमारी जितनी भी नफरी मुख्यालय में है, वो सब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मोबेलाइज होगी और ऑपरेशनल गतिविधियां करेंगी। इस ऑपेरशन के दौरान बल के निगरानी यंत्रो का उपयोग करेंगे और ऑपरेशनल गतिविधियों पर जोर दिया जायेगा। ड्रोन थ्रेट को मद्देनज़र रखते हुए सीमावर्ती गांव में रहने वाले ग्रामीणों को सेंसेटाइज़ किया जायेगा। एंटी एयर क्राफ्ट मेकेनिज़्म(विमान भेदी तंत्र) को अमल में लाकर बल के जवानो को इसके बारे में ब्रीफ किया जायेगा और कोशिश करेंगे की ड्रोन थ्रेट को कम किया जाए।
उल्लेखनीय है कि चौकसी के लिहाज से सबसे दुरूह और दुर्गम माने जाने वाले राजस्थान में भारत- पाकिस्ता अंतरराष्टीय सीमा पर जहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तथा सर्दियों में माइनस डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। गर्मी ऐसी कि जूतों के तल तक पिघल जाते हैं, और सर्दियों में दृश्यता ऐसी खराब हो जाती है की कुछ ही मीटर की दूरी पर खड़ा साथी भी दिखाई नहीं देता। ऐसी परिस्थितियों में बल के जवान सीमा पर चौकस निगाहों के साथ चौकसी करते हैं, ताकि कोई भी घुसपैठ करने का दुस्साहस न कर सके। इसके मद्देनज़र सीमा पर पेट्रोलिंग और गश्त को बढ़ाया गया है। तारबंदी के निकट बीएसएफ के अधिकारी व्हीकल, केमल व फुट पेट्रोलिंग के माध्यम से दिन रात लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। इस दौरान बढ़ी हुई पेट्रोलिंग आम दिनों में होने वाली पेट्रोलिंग व गश्त से अधिक होती है। ऑपरेशन अलर्ट में खुर्रा चेकिंग भी तेज कर दी जाती है। ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सीमा पर बीएसएफ की इंटेलीजेंस विंग भी सक्रिय रहती है। इसके अलावा अन्य खुफिया एजेंसियों व स्थानीय निवासियों और पुलिस से भी बीएसएफ का तालमेल रहता है। हालांकि भारत कि पहली रक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल साल भर तारबंदी के पास मुस्तैद रहती है। लेकिन गणतंत्र दिवस पर सीमा सुरक्षा बल बॉर्डर पर विशेष रूप से निगरानी कार्यक्रम चलता है। धुंध और कोहरे का फायदा उठाकर सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ, तस्करी और नापाक हरकत रोकने के लिए जवान और अधिकारी अतिरिक्त चौकस रहेंगे।