नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर्स लोगों के खिलाफ हुए अपराधों के मामले में कड़े कानून और सजा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने इस याचिका को ऐसी ही मांग करने वाली दूसरी याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया। याचिका ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता काजल मंगल मुखी ने दायर की है। याचिका में ट्रांसजेंडर्स पर्संस एक्ट की धारा 18 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि ये प्रावधान कानून और बुनियादी मानव अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस प्रावधान के तहत हुए अपराधों के लिए छह महीने की न्यूनतम सजा और दो वर्ष की अधिकतम सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
याचिका में कहा गया है कि इस प्रावधान के तहत मिलने वाली सजा ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ अपराधों को रोक पाने में सक्षम नहीं है। ट्रांसजेंडर्स के खिलाफ अपराधों के लिए मिलने वाली सजा भारतीय दंड संहिता के तहत मिलने वाली सजा से कम है। ऐसे में ये प्रावधान भेदभाव करने वाली है।