नेताजी भारतीय लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे – डॉ. अनीता बोस फाफ

नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस ने शुक्रवार को कहा कि नेताजी भारतीय लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके पिता नेताजी एक समर्पित हिंदू थे, लेकिन वे सभी धर्मों का सम्मान करते थे। डॉ. अनीता ने कहा कि उनके पिता ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जहां सभी धर्म के लोग समान एवं सौहार्द से जीवन बिताएं। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह के मौके पर प्रेस सूचना ब्यूरो और क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो (जयपुर) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रही थीं।

जर्मनी से वेबिनार में शामिल हुईं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस ने कहा कि नेताजी लैंगिक समानता के हिमायती थे। उनका दृष्टिकोण एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना था जहां पुरुषों और महिलाओं को न केवल समान अधिकार हों, बल्कि वे अपने अपने कर्तव्यों का पालन भी कर सकें। डॉ. अनीता बोस ने स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और योगदान पर भी विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि नेताजी के पास भारत की वित्तीय और आर्थिक मजबूती के लिए एक विजन था और भारत को आजादी मिलने से पहले ही उन्होंने एक योजना आयोग का गठन किया था।

इस वेबिनार में नेताजी सुभाष बोस आईएनए ट्रस्ट दिल्ली-इंडिया की ट्रस्टी एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पोती रेणु मालाकार ने कहा कि नेताजी को अपने देशवासियों से बेहद प्रेम था। युवा वर्ग भारत भविष्य हैं। उन्होंने आग्रह किया कि युवाओं को हमेशा में देश को सर्वोपरि रखना चाहिए । वरिष्ठ पत्रकार महेश चंद्र शर्मा ने भी अतिथि वक्ता के रूप में वेबिनार को संबोधित किया।

उल्लेखनीय है कि आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती दिवस को हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।

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