नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने दो दिवसीय (गुरुवार-शुक्रवार) भोपाल दौरे में सैनिकों के साथ बातचीत की और उन्हें उत्साह के साथ भविष्य की किसी भी परिचालन चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। कमांडरों ने उन्हें फुर्तीले युद्ध लड़ने वाली सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में किए जा रहे सुधारों के बारे में जानकारी दी। जनरल नरवणे ने भारतीय सैनिकों की भावी पीढ़ी को ढालने के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण की समीक्षा की। उनके साथ दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन भी मौजूद रहे।
सेना प्रमुख को सुदर्शन चक्र कोर कमांडर और अन्य कमांडरों ने सेना की संचालन संबंधी तैयारियों, फॉर्मेशन को आधुनिक बनाने और फुर्तीले युद्ध लड़ने वाले बल में बदलने की दिशा में किए जा रहे सुधारों के बारे में जानकारी दी गई। सेना प्रमुख ने कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के बावजूद उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों की सराहना की। उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत करके उनके उच्च मानकों और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए सराहना की।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मध्य प्रदेश के दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, अशोकनगर और जालों में बाढ़ राहत अभियान चलाने में उनके सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की। सीओएएस ने सैनिकों के साथ भी बातचीत करके उन्हें उत्साह के साथ काम करना जारी रखने और भविष्य की किसी भी परिचालन चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। सेना प्रमुख ने बाद में मुख्यालय पश्चिम मध्य प्रदेश उप क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कोरोना महामारी का मुकाबला करने में नागरिक प्रशासन की सहायता करने में उप क्षेत्र की भूमिका को सराहा। सेना प्रमुख ने बैरागढ़ सैन्य स्टेशन के 3 ईएमई केंद्र का भी दौरा किया और भारतीय सेना के सैनिकों की भावी पीढ़ी को ढालने के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण की समीक्षा की।