नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अंतर्धार्मिक जोड़े को पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने महिला और उसके पिता से बात करने के बाद ये आदेश दिया।
मामला मुस्लिम लड़के और हिन्दू लड़की की शादी का है। दोनों की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है और दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी। लड़के ने याचिका दायर कर कहा था कि लड़की को उसके पिता के घर में जबरन गैरकानूनी तरीके से रखा गया है। लड़की के पिता इस शादी से इसलिए नाखुश हैं कि लड़का मुस्लिम धर्म का है। कोर्ट ने जब लड़की से बात की तो उसने लड़के के साथ रहने की इच्छा जताई। लड़की ने कहा कि उसने स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधानों के तहत शादी की है। उसने आरोप लगाया कि उशकी मर्जी के बिना उसके माता-पिता ने घर पर रखा हुआ है।
कोर्ट ने लड़की के पिता से बात की और पूछा कि क्या आप इस शादी पर लड़का-लड़की को आशीर्वाद देंगे तो पिता ने कहा कि नहीं। पिता ने कहा कि वो इस शादी की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि लड़का मुस्लिम है। उसके बाद कोर्ट ने स्थानीय थाने के एसएचओ को निर्देश दिया कि वो लड़की को तब तक थाने पर रखे जब तक कि लड़का थाने पर नहीं पहुंच जाता। कोर्ट ने एसएचओ को निर्देश दिया कि लड़का जब थाने पहुंच जाए तो लड़की को लड़के के घरवालों तक पहुंचा दिया जाए।