इस्लामाबाद, 20 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान में गैर मुस्लिम धर्मों व जातियों के साथ भेदभाव व जुल्म किसी न किसी रूप से जारी है। कभी ईशनिंदा के नाम पर तो कभी देश विरोधी होने का आरोप लगाकर। ताजा मामले में पाकिस्तान ने सिंधी समुदाय के लोगों की आवाज दबाने के लिए 50 से अधिक सिंधियों पर मुकदमा दर्ज किया है। इन लोगों पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने कहा कि राष्ट्रवादी नेता जीएम सैयद की 118वीं जयंती की पूर्व संध्या पर जमशोरो जिले के सन्न शहर में पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने के लिए 50 से अधिक सिंधी राष्ट्रवादियों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें राजद्रोह के आरोपित सारंग जोयो भी हैं। सारंग जोयो को 2020 में जबरन गायब कर दिया गया था।
एचआरसीपी ने इस कदम की निंदा की और सिंधी राष्ट्रवादियों के खिलाफ आरोपों को तुरंत हटाने की मांग की। मानवाधिकार आयोग ने एक ट्वीट में कहा कि ‘जीएम सैयद की जयंती मनाने के लिए जमशोरो के सन्न में जमा हुए 50 से अधिक सिंधी राष्ट्रवादियों के खिलाफ दर्ज मामले एक ऐसे राज्य का संकेत हैं, जो किसी भी तरह की असहमति को सहन नहीं कर सकता है।
देशद्रोह के आरोप लगाने वालों में सारंग जोयो भी शामिल हैं, जिन्हें 2020 में जबरन गायब कर दिया गया था। एचआरसीपी इस कदम की निंदा करता है और आरोपों को तुरंत हटाने की मांग करता है।
जानकारी के अनुसार रविवार की रात और सोमवार को दो विरोध प्रदर्शन हुए और जय सिंध तहरीक (जेएसटी) और जय सिंध महाज (जेएसएम) के कई राष्ट्रवादी समूहों और गुटों द्वारा दिवंगत नेता की कब्र के पास विरोध प्रदर्शन किया गया। रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शन पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लापता राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग के लिए किया गया था। कुल 34 कार्यकर्ताओं पर छछर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। अठारह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उनमें सिंध सुजाग फोरम (एसएसएफ) के वित्त सचिव सुहनी जोयो शामिल थे।