अमित शाह का मेरठ दौरा, पदाधिकारियों साथ बनाएंगे चुनावी रणनीति

नई दिल्ली, 20 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के पहले चरण के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को मेरठ का दौरा करेंगे। इस दौरान वह पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, शाह शुक्रवार को मेरठ पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ चुनाव प्रचार, पन्ना प्रमुखों की तैयारी और घर-घर दस्तक अभियान की समीक्षा करेंगे।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को औऱ दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होना है। पहले व दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 113 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है। भाजपा ने दोनों चरणों के मतदान वाली सीटों पर अब तक कुल 108 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना तय है। इसके लिये नामांकन की अंतिम तिथि 21 जनवरी और नाम वापसी की आखिरी तारीख 27 जनवरी है। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होना है। इसमें गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ शामिल हैं।

अमित शाह का मेरठ दौरा इस लिहाज से भी खासा महत्वपूर्ण है कि पिछले विधानसभा चुनावों में पश्चिमी उ.प्र. में भाजपा ने बाकी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया था। कुल 58 में से 53 सीटें जीतकर भाजपा ने एक इतिहास रच दिया था। माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर में हुए साम्प्रदायिक दंगे ने इस क्षेत्र में सीधा विभाजन कर दिया था, जिसका लाभ भाजपा को मिला। इस बार हालात पूरी तरह से बदले हुए हैं। किसान आंदोलन को देखते हुए माना जा रहा है कि जाट समुदाय भाजपा से कुछ दूरी बनाए हुए है। लेकिन इस क्षेत्र में बहुत मजबूत रही सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी के खस्ता हालत का भाजपा को लाभ मिल सकता है।

वहीं जयंत चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी का गठबंधन होने से यह माना जा रहा है कि एक बार फिर से जाट-मुस्लिम गठजोड़ भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। इस सबके मद्देनजर अमित शाह का मेरठ दौरा खासा मायने रखता है। आखिर भाजपा महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी रहते अमित शाह ने 2014 के चुनावों में 80 में से 73 सीटें जीतने का इतिहास रचा गया था। उसके बाद 2017 में विधानसभा चुनावों में रिकार्ड सीटों के साथ जीत में भी अमित शाह की रणनीति काम आई थी।

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