नई दिल्ली, 19 जनवरी (हि.स.)। वित्त मंत्रालय ने बजट से पहले राजकोषीय घाटे को निर्धारित लक्ष्य की सीमा में रखने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सभी मंत्रालयों और विभागों से अपने खर्चों में कटौती करने और इन्हें संशोधित अनुमान के दायरे में लाने के लिए कहा गया है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने बुधवार को जारी कार्यालय ज्ञापन में अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों के तीसरे और अंतिम बैच के लिए प्रस्ताव मांगें हैं। आर्थिक मामलों के विभाग ने सभी मंत्रालयों एवं विभागों से कहा है कि वे अपने प्रस्ताव 10 फरवरी, 2022 तक भेजें। आर्थिक मामलों के विभाग ने एक ज्ञापन में सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने खर्चे संशोधित अनुमान की सीमा के भीतर सीमित करें। सरकार का आकलन है कि 31 मार्च, 2022 को खत्म होने जा रहे वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 फीसदी रह सकता है।
उल्लेखनीय है कि दो चरणों में होने वाला संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा और 8 अप्रैल, 2022 तक चलेगा। बता दें कि राजकोषीय घाटा किसी देश के खर्च और टैक्सों और अन्य स्रोतों से जुटाई गई आमदनी के बीच का अंतर को दर्शाता है।