लखनऊ, 18 जनवरी (हि.स.)। एजिस फ़ेडरल लाइफ इंशोरेंस और द्रोणाचार्य अवार्डी तथा भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के प्रमुख राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना ने देश की पहली पैरा बैडमिंटन अकादमी लांच करते हुए आपस में करार करने की घोषणा की। लखनऊ में स्थित इस अत्याधुनिक सेंटर ,जो आधुनिक उपकरणों और सुविधाओं से सुसज्जित है। इसका लक्ष्य 2024 पैरालम्पिक्स में भारत की पदक उम्मीदों में और सुधार करना है।
द्रोणाचार्य अवार्डी गौरव खन्ना ने इसके साथ ही एजिस फ़ेडरल का क्वेस्ट फॉर फियरलेस शटलर्स कार्यक्रम भी लांच किया, ताकि 2028 और 2032 पैरालम्पिक्स के लिए नयी प्रतिभाओं को ढूंढा और तराशा जा सके। यह कार्यक्रम दर्शकों के बिना लांच किया गया।
इस हाई परफार्मेंस सेंटर में चार कोर्ट बनाये गए हैं, जिनमें से दो स्टैंडिंग एथलीट्स के लिए बीडब्लूएफ से मंजूर सिंथेटिक मैट्स हैं जबकि दो व्हीलचेयर एथलीट्स के लिए वुडेन कोर्ट्स हैं। इन आधुनिक सुविधाओं के अतिरिक्त अत्याधुनिक जिम,आइस बाथ, स्टीम बाथ, सॉना बाथ के लिए सुविधाएं और जाकूज़ी हाइड्रोथेरेपी भी मौजूद है। इसमें एथलीटों के रहने के लिए डिसाएबल्ड फ्रेंडली कमरे भी मौजूद हैं।
गौरव खन्ना ने कहा,”भारत ने अनेक पैरा चैंपियंस पैदा किये हैं लेकिन वे कभी भी प्रोफेशनल ढांचे में तैयारी नहीं कर पाए हैं। 2015 से मैं काम कर रहा हूं चाहे वो मेकशिफ्ट या किराए के स्थल क्यों न हों। उन्होंने कहा,”एजिस फ़ेडरल लाइफ इंश्योरेंस की मदद से हम पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय सुविधा तैयार कर पाए हैं। वे न केवल यहां ट्रेनिंग कर सकते हैं बल्कि लम्बी अवधि के लिए रुक भी सकते हैं और अपने खेल पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।”
खिलाड़ियों को एक छत के नीचे क्वालिफाइड कोच, फिजियो, फिजिकल ट्रेनर्स, न्यूट्रीशनिस्ट्स और अन्य सपोर्ट स्टाफ मिलेंगे।एजिस लाइफ फ़ेडरल इंश्योरेंस के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी कार्तिक रमन ने कहा,”कई मैराथन को समर्थन देने के अलावा हम बैडमिंटन को ग्रास रुट स्तर पर बड़े पैमाने पर समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने साथ ही कहा,”पैरा बैडमिंटन ने टोक्यो पैरालम्पिक्स में देश को गौरवान्वित किया है।
टोक्यो पैरालम्पिक्स में प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने एकल में स्वर्ण पदक जीते थे जबकि सुहास यतिराज और मनोज सरकार ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीते थे जिससे भारत के कुल चार पदक हो गए थे। गौरव खन्ना ने रहस्योद्घाटन किया ये सभी खिलाड़ी, लगभग 50 तक, यहां इस अकादमी में ट्रेनिंग करेंगे।
उन्होंने कहा,”मेरी कोचिस एक्सिलेंस प्रोग्राम शुरू करने की भी योजना है ताकि दूसरे कोच भी समझे कि पैरा बैडमिंटन के सामने की बाधाएं क्या हैं। मैं एक ड्राफ्ट सिलेबस तैयार कर रहा हूं और मेरा लक्ष्य देश में कई कोचों को ट्रैन करने का भी है, जिससे हम इस खेल में बड़ी ताकत बन सकें।”