गणतंत्र दिवस की झांकियों के विवाद पर रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु को दिया जवाब

नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गणतंत्र दिवस की झांकियों पर उठे विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने परेड में शामिल की जाने वाली झांकियों के चयन की प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी बताते हुए कहा कि यह जिम्मा रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को सौंपा गया है। समिति को राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से कुल 56 प्रस्ताव मिले थे जिनमें से 21 का चयन किया गया है। केरल की झांकी अस्वीकृत होने पर कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी।

इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए विशेषज्ञ समिति ने अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर (यूटी), कर्नाटक, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की झांकियों को चयनित किया है। समिति ने केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की झांकियों का प्रस्ताव निरस्त कर दिया है, जिस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया। ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा कि 26 जनवरी की परेड में बंगाल नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान से जुड़ी झांकी प्रस्तुत करना चाहता था, लेकिन इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। इसी तरह स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में झांकी के रिजेक्ट होने को ‘तमिलनाडु और उसके लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय’ बताया।

गणतंत्र दिवस में शामिल होने वाली झांकियों को लेकर केंद्र सरकार और बंगाल-तमिलनाडु सरकार में तनाव बढ़ने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट की है। ममता बनर्जी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान अविस्मरणीय है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी को उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। साथ ही हर साल गणतंत्र दिवस समारोह अब 24 के बजाए उनकी जयंती यानी 23 जनवरी से शुरू होगा। उन्होंने झांकियों के चयन की प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी बताते हुए कहा कि यह जिम्मा रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को सौंपा गया है।

पत्र में कहा गया है कि 2016, 2017, 2019 और 2021 की गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल की गई थी। इस बार भी 29 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में से 12 को ही मंजूरी दी गई है। समिति को राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से कुल 56 प्रस्ताव मिले थे जिनमें से 21 का चयन किया गया है। बंगाल की झांकी को परेड में शामिल ना करने के पीछे बताया गया है कि इस बार सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में भी नेताजी को 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई है। तमिलनाडु के सीएम स्टालिन को लिखे पत्र में कहा गया है कि तमिलनाडु की झांकियों को 2017, 2019, 2020 और 2021 में जगह मिली थी। तमिलनाडु की झांकी के बारे में तीन बार समिति की बैठक में चर्चा हुई लेकिन अंतिम 12 में जगह नहीं बना सकी।

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