अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए 570 सैनिकों को भेजेगा भारत

भारतीय जवानों को उत्तर और दक्षिण सूडान के बीच अस्थिर सीमा की निगरानी सौंपी जाएगी

– यूएन के शांति अभियानों में तैनात भारतीय सेना ने दुनिया के कई हिस्सों में स्थिरता सुनिश्चित की

नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। भारत अगले महीने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए अफ्रीका के तेल समृद्ध अबेई क्षेत्र में पैदल सेना की एक बटालियन भेजेगा। यह तेल क्षेत्र उत्तरी और दक्षिणी सूडान में फैला है।दोनों जगहों पर लगभग 570 सैनिकों के साथ भारतीय पैदल सेना समूह को संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई (यूएनआईएसएफए) के तहत तैनात किया जाएगा। भारतीय जवानों को उत्तर और दक्षिण सूडान के बीच अस्थिर सीमा की निगरानी और मानवीय सहायता को सुविधाजनक बनाने का काम सौंपा जाना है।संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति अभियानों में भारतीय सेना की भागीदारी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थिरता सुनिश्चित की है।

इस समय दुनिया भर में चल रहे 12 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में से आठ में 5,300 भारतीय सैनिक तैनात हैं। बांग्लादेश और नेपाल के बाद संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में तीसरे नंबर पर भारतीय सेना तैनात है। पिछले साल जनवरी में भारत को दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनाया गया है। यह आठवीं बार है जब भारत को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह मिली है। यहां पैदल सेना की एक और बटालियन भेजने का फैसला हाल ही में लिया गया है। दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) में तैनात 135 भारतीय शांति सैनिकों को उनके ‘उत्कृष्ट प्रदर्शन’ के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया है।

भारतीय सेना को पहली बार 1953-54 में कोरिया के संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात किया गया था। इसके बाद से 13 लाख मजबूत भारतीय सेना के 2.58 लाख से अधिक सैनिकों ने 71 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में से 51 में योगदान दिया है, जिसमें 159 भारतीय सैनिकों ने विभिन्न ऑपरेशन में अपने प्राणों की आहुति भी दी है। भारतीय सैनिकों की तैनाती यमन, नामीबिया, मोजाम्बिक, अंगोला, इथियोपिया-इरिट्रिया से लेकर कंबोडिया, सोमालिया, रवांडा, लेबनान, कांगो और सूडान तक की गई है। भारतीय सैनिक दक्षिण सूडान के बोर, पिबोर और अकोबो में एक अस्थायी संचालन अड्डे पर तैनात हैं और वे पशु चिकित्सा शिविर जैसे नागरिक-सैन्य सहयोग सहित कई तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं।

क्या है कांगो संयुक्त राष्ट्र मिशन

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में अबेई, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, मध्य पूर्व, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा के शांति अभियानों में 5,500 से अधिक भारतीय सैन्य और पुलिसकर्मी काम कर रहे हैं। मार्च, 2021 तक दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में कुल 19,075 कर्मी तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र के कांगो मिशन पर भारतीय जवानों समेत करीब 14 हजार सैन्यकर्मी तैनात हैं, जिसमें सबसे अधिक संख्या भारतीय जवानों की लगभग 2,200 से अधिक है। कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, ब्राजील, मलावी, घाना, उरुग्वे और तंजानिया के सैनिक योगदान दे रहे हैं।

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