पेरिस/लंदन, 17 जनवरी (हि.स.)। कोरोना का कहर फ्रांस व ब्रिटेन जैसे देशों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इन देशों में अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करना मुश्किल हो गया है, जिस कारण गंभीर रोगियों का इलाज बाधित हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे लेकर चिंता जताई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में दुनिया के कई देशों की तुलना में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा खासा मजबूत है। इसके बावजूद वहां मरीजों के दबाव में पूरी उपचार व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस स्वास्थ्य प्रबंधन को सुधार कर अधिक मरीजों तक उसका लाभ पहुंचाया जा सकता था किन्तु ऐसा नहीं हो सका है।
कोरोना के दुष्प्रभाव से फ्रांस के अस्पतालों में मरीजों को लौटाना पड़ रहा है। वहां तमाम अस्पतालों में 20 प्रतिशत तक स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हैं। इस कारण गंभीर मरीजों को अस्पताल की चौखट से लौटाने की मजबूरी का सामना इन अस्पतालों के प्रबंधन को करना पड़ रहा है। ब्रिटेन में भी कमोवेश यही स्थिति है। वहां लंदन के अस्पतालों में सेना की तैनाती करनी पड़ी ताकि एंबुलेंस, पैथोलॉजी परीक्षणों जैसी प्रारंभिक व आपातकालीन जरूरतों को पूरा किया जा सके।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा परिसंघ के मुताबिक कोविड के चलते एक लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 59 लाख से अधिक कैंसर पीड़ित लोग जांच व सर्जरी आदि से वंचित हैं। कैंसर रोगियों की जांच न हो पाने से उनका कैंसर पता चलने में विलंब उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।