अफगानी विरोध से डूरंड लाइन पर नरम पड़े पाकिस्तान के तेवर

इस्लामाबाद, 15 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा मानी जाने वाली डूरंड लाइन पर कटीले तारों की बाड़ लगाने के मसले पर पाकिस्तान के तेवर अब बदल गए हैं। कुछ दिन पहले तक पाकिस्तान ने सैनिकों की शहादत बेकार न जाने देने की बात कहते बाड़ हर हाल में लगाने की बात कही थी। अब पाकिस्तान ने तालिबान की सहमति से काम पूरा करने की बात कही है।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सरहद पर 2600 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने के काम का अफगानिस्तान विरोध कर रहा है। अफगानिस्तान का कहना है कि अंग्रेजों के जमाने में तत्कालीन भारत (अब पाकिस्तान का हिस्सा) और अफगानिस्तान की सीमा पर जिस डूरंड लाइन की परिकल्पना कर उसे सीमा रेखा करार दिया गया था, वह सही नहीं है। इस सीमा रेखा ने पश्तून कबीलों को बांट दिया है। पिछले दिनों अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इनायातुल्लाह ख्वारजमी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा था कि पाकिस्तान को इस सीमा पर बाड़ लगाकर बंटवारा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार के इस कृत्य को अनुचित व गैरकानूनी करार दिया था।

पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार ने साफ कहा था कि बाड़ लगाने का काम किसी कीमत पर रोका नहीं जाएगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो देखे गए, जिनमें तालिबान लड़ाकों को पाकिस्तान द्वारा लगाई गयी कंटीले तारों की बाड़ उखाड़ते हुए देखा गया। इस विरोध के बाद पाकिस्तान के तेवर बदल गए हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रसीद ने अब डूरंड लाइन कंटीले तारों की बाड़ लगाने का काम तालिबान की सहमति से पूरा करने की बात कही है।

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