कीव, 15 जनवरी (हि.स.)। यूक्रेन के मसले पर उत्तर अटलांटिक सहयोग संगठन (नाटो) और रूस के बीच वार्ता की सहमति के बाद यूक्रेन पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है। इस कारण देश की अनेक सरकारी वेबसाइट्स बंद हो गयी हैं। यूक्रेन ने इस साइबर हमले के पीछे रूस का हाथ होने की आशंका जताने के साथ ही नागरिकों को सचेत किया है कि इससे भी बड़ा खतरा सामने आ सकता है।
यूक्रेन पर हुए इस साइबर हमले से सरकारी कामकाज पर सीधा असर पड़ा है। यूक्रेन सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस साइबर हमले में रूस का हाथ हो सकता है। उक्त अधिकारी ने कहा कि रूसी हैकर्स ने विदेश मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट सहित 70 से अधिक सरकारी वेबसाइट्स पर हमला बोला और देश के साइबर कामकाज को प्रभावित किया। विदेश मंत्रालय के अलावा कई कैबिनेट मंत्री, आंतरिक सुरक्षा व रक्षा परिषद समेत कई सरकारी निकाय इस साइबर हमले का शिकार बने। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमले में कम्प्यूटरों का सारा डेटा नष्ट हो गया है। हमला इस कदर गंभीर था कि नष्ट हुए डेटा को पुनः जुटाना लगभग असंभव है।
इस बीच यूक्रेन पर हुए इस साइबर हमले के बाद एक बार फिर नाटो की सक्रियता बढ़ी है। नाटो ने कहा है कि यूक्रेन को लेकर रूस व पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। इन स्थितियों में इस हमले को देखते हुए यूक्रेन के साथ साइबर सहयोग को और मजबूती प्रदान करने की जरूरत है।