अफगान महिलाओं को संयु्क्त राष्ट्र का साथ, महासचिव ने जताई चिंता

न्यूयार्क, 14 जनवरी (हि.स.)। समान अधिकारों के लिए संघर्षरत अफगानिस्तान की महिलाओं को संयुक्त राष्ट्र का साथ मिला है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस ने उनके साथ हो रहे अन्याय को लेकर चिंता जताई है। इससे अफगानिस्तान में चल रहे महिलाओं के आंदोलन को मानसिक संबल मिलने की उम्मीद है।

अफगानिस्तान में महिलाएं नौकरियों एवं समाज में समान अधिकार को लेकर संघर्षरत हैं। वे लगातार काबुल की सड़कों पर प्रदर्शन भी कर रही हैं। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतेरेस ने ट्वीट कर उनके हालातों पर चिंता जाहिर की। गुतेरेस ने अपने ट्वीट में लिखा कि अफगानिस्तान में कार्यालयों और विद्यालयों की कक्षाओं से महिलाएं एवं छात्राएं गायब हैं। कोई भी देश आधी आबादी की उपेक्षा करते हुए आगे नहीं बढ़ सकता है। अफगानिस्तान की महिलाओं को रोजगार के अधिकारों की वकालत करते हुए उन्होंने लिखा कि छात्राओं को शिक्षा के पूर्ण अवसर मिलने चाहिए। साथ ही उन्होंने महिलाओं एवं छात्राओं को स्वास्थ्य सेवाओं में भी समानता के अधिकार की बात कही।

इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता एवं आक्रोश व्यक्त कर चुके हैं। पूरी दुनिया इस मसले पर अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान प्रशासन को अपनी चिंताओं से अवगत करा चुकी है। यूरोपीय देशों समेत 20 से अधिक देशों ने एक संयुक्त बयान में अफगानी महिलाओं के मानवाधिकारों के संरक्षण और उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की बात भी कही है। इन सबके बावजूद अफगानी महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर संघर्षरत हैं। महिलाओं का कहना है कि उन्हें नौकरियों से हाथ धोने पड़े हैं और सामाजिक स्तर पर उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है।

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