घने बादलों से बचने की कोशिश में चट्टान से टकराया था सीडीएस का हेलीकॉप्टर

नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर 08 दिसम्बर को दुर्घटनाग्रस्त होने की ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी होने के बाद भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर जांच के नतीजों का खुलासा किया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि घने बादलों से बचने की कोशिश में चट्टान से सीडीएस का हेलीकॉप्टर टकराया था। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई इस दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी।

भारतीय वायुसेना ने आज एक बयान में बताया कि 08 दिसंबर, 21 को सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर एमआई-17 वी5 दुर्घटना मामले में ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि घने बादलों से बचने की कोशिश में पायलट के भटकने के कारण चट्टान से सीडीएस का हेलीकॉप्टर टकराया था। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपने निष्कर्षों के आधार पर कुछ सिफारिशें भी की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।

तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुई दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सशस्त्र बलों के अन्य 12 कर्मियों की जान चली गई थी। इसके बाद वायुसेना ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया था जिसमें सेना और नौसेना के एक-एक कमांडर को भी शामिल किया गया था। कमेटी ने तेजी के साथ जांच शुरू की ताकि जल्द से जल्द दुर्घटना से सम्बंधित तथ्य सामने आ सकें। वायुसेना ने इसके साथ ही जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की बेबुनियाद अटकलों से बचने की सलाह भी दी थी। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठित की गई कमेटी ने अपनी जांच पूरी करके 05 जनवरी को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को उनके आवास पर जाकर रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी थी।

जांच कमेटी ने वायुसेना और थलसेना के संबंधित अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किए हैं। साथ ही उन स्थानीय लोगों से भी बातचीत की है जो इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे। उस मोबाइल फोन की जांच भी की गई है, जिससे क्रैश से तुरंत पहले का वीडियो शूट किया गया था। जांच में पाया गया है कि सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 ने सुबह 11:48 बजे सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी। दोपहर करीब 12:08 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल का इससे संपर्क टूटा। ब्लैक बॉक्स के जरिये इस दुर्घटना के असली कारणों से सम्बंधित महत्वपूर्ण डेटा हासिल करने करने की कोशिश की गई है। दुर्घटना के एक माह के भीतर ही कमेटी ने त्रि-सेवा जांच पूरी करके रिपोर्ट कानूनी समीक्षा के लिए भेज दी थी जिसका खुलासा आज किया गया है। अब यह जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *