नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुलीबाई ऐप मामले के आरोपित नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने कहा कि आरोपित ने जो ऐप बनाया है उसपर महिलाओं के बारे में अपमानजनक कंटेंट हैं। एक खास धर्म की महिलाओं के बारे में ऐसी सांप्रदायिक बातें चलाई जा रही हैं जो समाज के लिए नुकसानदायक है।
कोर्ट ने कहा कि आरोपित ने बुलीबाई ऐप पर एक खास धर्म की महिला पत्रकारों और सेलेब्रिटीज को निशाना बनाया गया। सोशल मीडिया पर शोहरत कमा चुकी महिलाओं को इस ऐप के जरिये टारगेट किया गया है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच अभी शुरुआती चरण में है साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच एजेंसी इस मामले में दूसरे लोगों की संलिप्तता का पता लगा रही है। कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत नहीं दी जा सकती है।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान इस मामले के शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि कुछ मशहूर महिलाओं ने तस्वीरें जानबूझकर इस ऐप पर डाले गए ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। शिकायतकर्ता खुद महिला पत्रकार हैं जिन्हें काफी बदनामी झेलनी पड़ी है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि नीरज बिश्नोई के खिलाफ देश भर में कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं और उसके डिजिटल उपकरणों की जांच चल रही है।
बतादें कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में असम से नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया है। बुलीबाई ऐप के जरिए मुस्लिम पत्रकारों, वकीलों और समाज में अच्छी पहचान रखने वाली महिलाओं की फर्जी तस्वीरें शेयर कर इंटरनेट पर उनकी नीलामी की जा रही थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में देहरादून से तीन लोगों की गिरफ्तारी की है।