वाशिंगटन, 13 जनवरी (हि.स.)। दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों पर सवाल खड़े करते हुए अमेरिका ने उन्हें खारिज कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के समुद्री एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण व वैज्ञानिक मामलों के ब्यूरो ने एक विस्तृत शोध पत्र में दावा किया है कि चीन दक्षिण चीन सागर के मामले में गैरकानूनी भौगोलिक व ऐतिहासिक दावे कर रहा है।
शोध पत्र में कहा गया है कि फिलीपींस, वियतनाम और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ विवादों के मसले पर चीन के पास कोई अंतरराष्ट्रीय कानूनी आधार नहीं बनता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह अध्ययन जारी करने के साथ ही चीन से दक्षिण चीन सागर में अपनी गैरकानूनी गतिविधियां रोकने की बात भी कही है। शोध पत्र में चीन के दावों का भौगोलिक सत्यापन भी किया गया है, जिसमें चीन के दावों को कानूनी सीमाओं से परे व अपने समुद्री क्षेत्र का उल्लंघन करार दिया गया है। चीन जिन चार द्वीप समूहों पर दावा जताता है, अमेरिका ने उस दावे को भी खारिज कर दिया है।
यह रिपोर्ट उस समय आयी है, जब अमेरिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को चुनौती दे रहा है। अमेरिका चीन को दुनिया के लिए दूरगामी खतरा करार देता है। दक्षिण चीन सागर बहुमूल्य तेल व गैस भंडारों के साथ समृद्ध समुद्री यात्रा मार्ग सहेजे हुए है। चीन के पड़ोसी देश उस पर दक्षिण चीन सागर पर अनधिकृत अतिक्रमण का आरोप लगाते रहे हैं। 2020 में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पाम्पियो ने भी दक्षिण चीन सागर पर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के दावों का समर्थन किया था।