कोर कमांडरों की 14वें दौर की बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय ने जारी किया साझा बयान
– सैन्य कमांडरों की वार्ता का अगला दौर जल्द से जल्द आयोजित किया जाना चाहिए
नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। भारत-चीन के कोर कमांडरों की बुधवार को हुई 14वें दौर की बैठक के बारे में साझा बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया। दोनों पक्ष शेष मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए काम करने पर सहमत हुए। यह नोट किया गया कि इससे पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सक्षम बनाया जा सकेगा।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्ष पिछले परिणामों को समेकित करने और सर्दियों सहित पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रभावी प्रयास करने पर भी सहमत हुए। दोनों पक्षों ने निकट संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर जल्द से जल्द काम करने पर सहमति व्यक्त की। यह भी सहमति हुई कि कमांडरों की वार्ता का अगला दौर जल्द से जल्द आयोजित किया जाना चाहिए।
भारत-चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बुधवार को सुबह शुरू हुई 14वें दौर की वार्ता लगभग 13 घंटे तक चली लेकिन पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले इलाके गोगरा-हॉट स्प्रिंग पर कोई सहमति नहीं बन पाई। बैठक में भारत की तरफ से हॉट स्प्रिंग, डेप्सांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की पूर्ण वापसी पर जोर दिया गया। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने इस वार्ता के बीच सालाना प्रेस कांफ्रेंस में पीपी-15 यानी हॉट स्प्रिंग से जुड़े मुद्दों का समाधान होने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पिछले 20 महीनों से जारी तनाव के बीच भारत-चीन ने कई स्थानों से अपनी सेनाएं पीछे हटाई हैं लेकिन कई स्थानों पर गतिरोध कायम है।