इस्लामाबाद , 12 जनवरी (हि.स.)। कर्ज में डूबे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि मुल्क के आर्थिक हालात भारत से बेहतर हैं। दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जब मुल्क एक अरब डॉलर के कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की चौखट पर खड़ा है। साल 2018 में मुल्क की बागडोर संभालने वाले इमरान खान कर्ज लेने के सभी रिकार्ड ध्वस्त कर चुके हैं।
मुल्क के चर्चित पत्रकार हामिद मीर का कहना है कि इमरान खान खुद को पाकिस्तान को संकट से उबारने वाला दिखाते हैं। वह यह भी कह चुके हैं कि कोई देश तभी कर्ज बहुत ज्यादा लेता है, जब खुद उसके नेता भ्रष्ट होते हैं। इमरान ने चुनाव से पहले दावा किया था कि वह कर्ज के लिए गिड़गिड़ाने की बजाय अपनी जान देना पसंद करेंगे। सरकार में आने के बाद इमरान अपना संकल्प भूल गए हैं। वह पिछले तीन साल में 40 अरब डॉलर का कर्ज लेकर मुल्क के अब तक के सभी पुराने रिकार्ड तोड़ चुके हैं।
इस बीच मुल्क का विपक्ष अब इमरान खान से अपनी पिछली बात पर कायम रहने की मांग कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि इमरान ने पाकिस्तान की आर्थिक संप्रभुता अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास गिरवी रख दी है। इसलिए उन्हें जान दे देनी चाहिए। मुल्क कंगाल हो चुका है। ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि क्या इमरान खान मुल्क को आर्थिक तबाही से बचा पाएंगे या 2023 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपनी सरकार गंवा बैठेंगे।
इस वक्त मुल्क महंगाई से जूझ रहा है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान में सबसे ज्यादा महंगाई है। पाकिस्तान की मुद्रा डॉलर के सामने दम तोड़ रही है।