मानव शरीर में धड़क रहा सूअर का दिल, अमेरिका के डॉक्टरों के प्रयास से होगी चिकित्सा क्रांति

वाशिंगटन 11 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका में डॉक्टरों ने इंसान के शरीर में सूअर के दिल का प्रत्यारोपण कर चिकित्सा जगत में नई क्रांति की तैयारी कर ली है। चिकित्सकों ने हृदय रोग से जूझ रहे 57 वर्षीय एक व्यक्ति में जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर का हार्ट ट्रांसप्लांट किया है। इससे हृदय की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लाखों लोग के दिल के प्रत्यारोपण का नया रास्ता खुलने की उम्मीद की जा रही है। अमेरिका के दवा नियामक एफडीए ने इस सर्जरी के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर मंजूरी दी थी।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल स्कूल ने सोमवार को बयान जारी कर इस ऑपरेशन की जानकारी दी। उनकी ओर से बताया गया है कि यह ट्रांसप्लांट शुक्रवार को किया गया। उन्होंने कहा कि इस ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की बीमारी का उपचार अभी निश्चित नहीं है। हालांकि जानवरों से इंसानों में ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया काफी कुछ बदल सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 57 वर्षीय डेविड बेनेट कई गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। उनका हार्ट ट्रांसप्लांट करने में जोखिम था लेकिन जान बचाने के लिए चिकित्सकों को ऐसा करना पड़ा। बेनेट में सूअर के हार्ट का प्रत्यारोपण बेहद नाजुक स्थिति में किया गया था। हालांकि ट्रांसप्लांट सफल होने के बाद डेविड अब स्वस्थ हो रहे हैं। नए हार्ट के काम करने पर चिकित्सकों की टीम निगरानी रख रही है।

मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक निदेशक डॉक्टर मोहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा कि अगर यह काम करता है तो पीड़ित मरीजों के लिए इन अंगों की अंतहीन आपूर्ति होगी। हालांकि इस तरह के पहले किए गए प्रत्यारोपण सफल नहीं रहे हैं। इंसानों का शरीर पशुओं के अंग को तेजी से खारिज कर देता है। विशेष रूप से 1984 में एक बच्चे में बबून का दिल लगाया गया था। वह व्यक्ति सिर्फ 21 दिन तक ही जीवित रहा।

डेविड बेनेट कई महीनों से बेड पर हैं। वह हार्ट-लंग बाईपास मशीन के सहारे जीवित हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास दो ही विकल्प बचे थे। मर जाऊं या हार्ट ट्रांसप्लांट करवाऊं। मैंने जीवन चुना।

बेनेट में सूअर का हृदय प्रत्यारोपित करने वाले डॉ. बार्टले ग्रिफिथ ने कहा कि हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में यह बड़ी सफलता है। इससे अंगदान की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी।

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