अमरीश के पास दो प्रदेश संघों की टीम चुनने की जिम्मेदारी
कानपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड प्रदेश क्रिकेट संघों के पूर्व खिलाड़ियों ने अब दोनों संघों से अपना मुंह मोड़ लिया है। यूपीसीए और उत्तराखण्ड प्रदेश संघों के पास टीम चुनने के लिए अब चयनकर्ताओं की भी कमी सामने आने लगी है। दोनों प्रदेश संघों के पदाधिकारियों ने अब एक ही चयनकर्ता पर दोनों प्रदेश की टीमों के चयन की जिम्मेदारी का भार डाल दिया है। लगभग 27 रणजी व 7 लिस्ट ए के मैच में यूपी का प्रतिनिधित्व कर चुके अमरीश गौतम अब दोनों टीमों के चुनने में मशगूल हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में ये दोनों प्रदेश संघ एक ही हुआ करते थे जिसमें पहाड़ व मैदानी इलाकों के खिलाड़ियों का समायोजन एक साथ ही हो जाता था, लेकिन दोनों के पृथक किए जाने के बाद यूपीसीए ने अपने पूर्व खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड क्रिकेट की कमान सौंप कर टीम के चयन की जिम्मेदारी के साथ ही अन्य जिम्मेदारियों को निभाने का दायित्व भी सौंप दिया था। अब यूपीसीए के साथ उत्तराखण्ड की टीम के चयन की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर डाल दी है, जबकि उनसे अधिक मैच खेले खिलाड़ी या तो यूपीसीए की ओर देख नही रहे या तो उन्हें तवज्जों ही नहीं दी जा रही।
नगर के ही कई पूर्व खिलाड़ियों जो चयनकर्ताओं की योग्यता पर पूरा खरा उतरते है उनकी ओर यूपीसीए के आला अधिकारी देखने की ही जहमत नही उठा रहे। यूपीसीए में अपना सौ फीसदी योगदान कर चुके पूर्व खिलाड़ियों में शशिकान्त खान्डेकर, राहुल सप्रू और ज्ञानेन्द्र पान्डेय जैसे धुरन्धरों के नाम पर चर्चा ही नहीं की जा रही। अब ऐसे में दोनों प्रदेश संघों की टीम चुनने के लिए चयनकर्ताओं की कमी पूरी करने को यूपीसीए में अमरीश गौतम से उम्दा कोई विकल्प ही नहीं दिखायी दे रहा है।