बिगड़ते मौसम और बर्फबारी के चलते फिर बंद किया गया पहाड़ी जोजी-ला दर्रा

पहली बार 31 दिसंबर के बाद यातायात के लिए बीआरओ ने खोल दिया था यह दर्रा

– बीआरओ ने 11,649 फीट की ऊंचाई पर जमी बर्फ हटाकर बनाया था नया रिकॉर्ड

नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अथक प्रयासों से एक हफ्ते पहले खोला गया पहाड़ी जोजी-ला दर्रा लगातार बिगड़ते मौसम और बर्फबारी के चलते गुरुवार को फिर अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया है।

11,649 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह दर्रा पहली बार बीआरओ ने 31 दिसंबर के बाद यातायात के लिए खोल दिया था और वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई थी। आम तौर पर यह दर्रा जनवरी के बाद बर्फबारी बंद होने पर खोला जाता था लेकिन इस बार बीआरओ ने मार्ग पर जमी बर्फ को हटाकर नया रिकॉर्ड बनाया था। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोटू ला के बाद यह दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाला जोजी-ला दर्रा कश्मीर घाटी को पश्चिम में द्रास से, उत्तर पूर्व में सुरु घाटियों से और उत्तर पूर्व में और पूर्व में सिंधु घाटी को जोड़ता है। हिमालय पर्वत श्रृंखला के पश्चिमी भाग में श्रीनगर और लेह के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-1 इसी दर्रे से होकर गुजरता है। चूंकि भारी बर्फबारी के कारण हर साल सर्दियों के दौरान वाहनों का आवागमन बंद हो जाता है, इसलिए केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में सोनमर्ग और द्रास शहर के बीच हिमालय में 14.2 किलोमीटर लंबी ऑल वेदर जोजी-ला सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। जोजी-ला जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी श्रीनगर से लगभग 100 किमी. और सोनमर्ग से 15 किमी. दूर है। यह लद्दाख और कश्मीर घाटी के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

सर्दियों के दौरान भारी बर्फ गिरने और हिमस्खलन के कारण हर साल नवंबर से मई तक यानी 6-7 महीने के लिए यह मार्ग बंद रहता है। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के लिए लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति जारी रखने के लिए बीआरओ की टीमें मौसम की चरम स्थिति में भी चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। बीआरओ के कर्मचारी अपनी-अपनी टुकड़ियों के साथ आधुनिक उपकरणों से जमी बर्फ हटाकर रास्तों को खोलने में लगे हैं। यही वजह रही कि बीआरओ को दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में यह बर्फीला रास्ता खोलने में अद्वितीय उपलब्धि हासिल हुई। यह पहला मौका था जब 2022 के पहले तीन दिनों में बीआरओ और पुलिस कर्मियों की सामूहिक सहायता से लगभग 178 वाहन इस दर्रे से गुजर पाए।

जनवरी माह में आवाजाही करने वाले वाहनों की इस संख्या को इसलिए महत्वपूर्ण माना गया, क्योंकि यहां इस समय तापमान माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिर गया है और सड़क बर्फानी तूफान जैसी परिस्थितियों के साथ अत्यधिक पाले से घिरी है, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। सड़क से बर्फ हटाने के अलावा क्षेत्र को आवागमन योग्य बनाए रखने के लिए बीआरओ कर्मयोगियों के प्रयासों से दैनिक आधार पर रखरखाव किया जाता है। बीआरओ ने 11,649 फीट की ऊंचाई के मार्ग पर जमी बर्फ को हटाकर नया रिकॉर्ड बनाया था। बीआरओ की यह उपलब्धि ज्यादा दिन तक बरकरार नहीं रह सकी और लद्दाख प्रशासन ने आज जोजी-ला दर्रा को अगले आदेशों तक बंद कर दिया। मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों में आम नागरिकों और पर्यटकों से तत्काल जोजी-ला दर्रा के रास्ते का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है।

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