मंडी, 02 जनवरी (हि.स.)। मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में सरकार के चार साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित रैली के बाद अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, मौसम की ठंडक लगातार बढ़ रही है इसके बावजूद सियासी माहौल भी गर्माने लगा है। विपक्षी दल कांग्रेस अब भी मान रही है कि पड्डल के मैदान में उमड़ी भीड़ सरकारी तंत्र के दुरूपयोग की वजह से हुई। मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह रैली मंडी के इतिहास की सबसे बड़ी रैली मानी जाएगी। यह पहली बार हुआ है जब पडडल मैदान में जितनी भीड़ मौजूद थी उससे कहीं ज्यादा लोग पंडाल के बाहर और सेरी मंच पर मौजूद थे। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नए वर्ष के दूसरे दिन फिर मंडी पहुंचे हैं। जिसके चलते लोगों में चर्चा चल पड़ी है कि इस बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दो माह पूर्व उपचुनाव में आशानुरूप नतीजे न आने के बावजूद अब मजबूत होकर उभरे हैं।
इन चार वर्षों में जो काम उनकी घोषणा और शिलान्यास के बाद मूर्त रूप को तरस रहे थे वे अब पूर्णता के साथ धरातल पर उतरने शुरू हो गए हैं। यही नहीं मंडी रैली के बाद पार्टी में ही उपचुनाव में ढीली पकड़ को लेकर एक धड़े की आलोचना के बाद यही लोग अब लोगों में लोकप्रियता की मजबूत पकड़ को मुख्यमंत्री की ढाल बता रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने अधिकारियों की टीम के साथ जिस कुशल प्रबंधन के साथ चार साल के कार्यक्रम को संपन्न करवाया उससे उनकी टीम की छवि में काफी सुधार हुआ है। पार्टी के पदाधिकारी भी इस बात से हैरान हैं कि खराब मौसम के बाबजूद मंडी रैली में इतने लोग कैसे पहुंचे जबकि पार्टी अपने स्तर पर 50 हजार के आसपास का अनुमान लगाकर चल रही थी और व्यवस्था भी उसी के अनुरूप थी। राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंडी दौरे को मीडिया में सुर्खियां मिली कि खराब मौसम के बाबजूद लाखों की भीड़ किसी करिश्मे से कम नहीं है। यह दिखाता है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इन चार सालों में हुए काम से लोग संतुष्ट हैं और केंद्र में मोदी सरकार के साथ आगे बढऩा चाहते हैं ताकि प्रदेश भी खुशहाली के पथ पर आगे बढ़े।
बताया जा रहा है कि मंडी में जयराम सरकार के चार साल के कार्यक्रम में मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो भगवान शिव के प्रतीक के रूप में त्रिशूल दिया गया उसकी हिमाचल से बाहर अन्य राज्यों में भी काफी चर्चा है। पहली बार आठ फीट ऊंचे और 35 किलो बजनी इस उपहार को देखकर पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय भी हैरान रह गया। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस उपहार को पाकर गदगद हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली में दिए एक टीवी चैनल को साक्षात्कार में खुद इस बात का खुलासा किया कि ये बड़ी काशी बनारस जाकर उनके मन में विचार आया था की इसी माह प्रधानमंत्री छोटी काशी मंडी आ रहे हैं तो इस नाते छोटी काशी से बड़ी काशी के सांसद को कुछ शिव से जुड़ा प्रतीक देना उचित रहेगा और इस बारे उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी से चर्चा हुई तो उन्होंने त्रिशूल देने का सुझाव दिया और इसे सोलन में तैयार किया गया। अब देशभर में इस अद्भुत उपहार की चर्चा है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री को इसे देने में एसपीजी की तरफ से भी कुछ आपत्ति थी लेकिन पीएमओ ने आखिरी क्षण में इसे मंजूर कर लिया।