मुख्यमंत्री डॉ. सरमा के खिलाफ साजिश कर रहे अब्दुल खालेक : सुभाष दत्ता
गुवाहाटी, 30 दिसम्बर (हि.स.)। दरंग जिलांतर्गत गोरुखुटी कृषि परियोजना और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के विरुद्ध राजनीति से प्रेरित एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र में तथाकथित कुछ बुद्धिजीवी, राजनीतिक दल, संगठन और व्यक्ति शामिल हैं। कांग्रेस सांसद अब्दुल खालेक का बयान भी इसी साजिश का हिस्सा है। यह गंभीर आरोप असम प्रदेश भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुभाष दत्ता ने गुरुवार को जारी एक बयान में लगाया है।
उन्होंने कहा कि गोरुखुटी के साथ असम के जीवन की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। असम के ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान इस गोरुखुटी को लेकर कई भूमिपुत्रों (स्थानीय लोग) ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इस परियोजना को बचाना और इसे क्रियान्वित करना एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। असम के मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने पूरे समर्पण के साथ इस जिम्मेदारी को पूरा किया है।
बयान में प्रवक्ता सुभाष दत्ता ने कहा कि अवैध घुसपैठिये रोहिंग्याओं के लिए मरने को तैयार अब्दुल खालेक जैसे अवैध अप्रवासी अतिक्रमणकारियों का चेहरा एक बार फिर से असम के लोगों के सामने उजागर हो गया है। वर्ष 1983 में दयानाथ शर्मा सहित स्थानीय लोगों के हत्यारे अतिक्रमणकारियों का पक्ष लेकर अब्दुल खालेक ने स्थानीय लोगों के विरुद्ध हालात बनाए, जिसने भ्रष्टाचारी कांग्रेस के स्थानीय विरोधी स्थिति को फिर से प्रमाणित किया है।
उन्होंने कहा कि यह अब्दुल खालेक जैसे रोहिंग्या प्रेमी नेताओं का आक्रामक स्वरूप सामने आ गया है, जो असम के स्थानीय जनगोष्ठियों की भूमि, कृषि भूमि को अवैध अप्रवासियों से भरकर भविष्य में असम को इस्लामिक राष्ट्र में शामिल करने के जिन्ना के सपने को मूर्त रूप देने के लिए अपने अथक प्रयास जारी रखे हुए हैं। बयान में आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि असम के राष्ट्रीय जीवन को आर्थिक आंदोलन की प्रगतिशील प्रवृत्ति से जोड़ते हुए गोरुखुटी जैसी उत्पादनोन्मुखी और बहुउद्देशीय परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।
सुभाष दत्ता ने कहा है कि अब्दुल खालेक जैसे नेताओं का समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी असम के विभिन्न हिस्सों में अवैध अतिक्रमणकारियों को प्रोत्साहित करने और राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कांग्रेस सांसद द्वारा इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताते हुए आने वाले दिनों में स्थानीय आदिवासी लोगों के पास जाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
उन्होंने कहा कि असम के राष्ट्रीय जीवन को विनाश की ओर धकेलने वाली कांग्रेस पार्टी के तुष्टीकरण की राजनीति ने एक बार फिर अब्दुल खालेक जैसे नेताओं के व्यवहार से असम के लोगों को याद दिलाया है कि दयानाथ शर्मा जैसे 855 शहीदों के खून से किस तरह से राज्य को रंग दिया गया था। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा को अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने के समय इस तरह की साजिश का सामना करना पड़ा है। अवैध अप्रवासी वृहत्तर सिपाझार क्षेत्र के गोरुखुटी सहित कई क्षेत्रों पर अतिक्रमण कर रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से इस भूमि को स्थानीय लोगों से पूरी तरह से नगण्य करने की साजिश रची गयी थी।
प्रवक्ता ने कहा कि असम के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी गठबंधन नेतृत्वाधीन सरकार को कृषि भूमि, स्थानीय लोगों की भूमि को अवैध अनुप्रवेशकारियों से मुक्त कराने के लिए जनादेश दिया है। गोरुखुटी असम के राष्ट्रीय जीवन के लिए स्वाभिमान और आदर्श परियोजना है और इस पर किसी भी साजिश और कुप्रबंधन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अब्दुल खालेक ने गोरुखुटी परियोजना पर सवाल उठाते हुए इसकी आलोचना की थी और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य सरकार की साजिश करार दिया था।