मैड्रिड, 20 दिसंबर (हि.स.)। स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत, जो बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने, ने कहा कि वह रविवार को टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में मिले मौकों को भुनाने में असमर्थ रहे।
टूर्नामेंट के फाइनल में सिंगापुर के लोह कीन यू ने किदांबी को 21-15, 22-20 से हराया। यह मैच 43 मिनट तक चला। श्रीकांत ने पूरे मैच में दबाव बनाए रखने का श्रेय अपने प्रतिद्वंद्वी को दिया।
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (बीडब्ल्यूएफ) की वेबसाइट ने श्रीकांत के हवाले से कहा, “मेरे पास दोनों मैचों में मौके थे। शुरुआती गेम में मेरी अच्छी बढ़त थी। कुल मिलाकर, मैं इसे अपने हक में खत्म नहीं कर सका। लेकिन उसने बहुत अच्छा खेला। कभी-कभी ऐसी चीजें होती हैं। मैंने मैच में बने रहने की कोशिश की।”
यह पहली बार है जब सिंगापुर के किसी पुरुष खिलाड़ी ने बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।
श्रीकांत ने लोह कीन यू के साथ अपने पिछले मुकाबले को याद किया और कहा कि सिंगापुर के खिलाड़ी ने अपने खेल के स्तर को और ऊपर ले गए हैं।
किदांबी ने कहा, “पिछली बार मैंने उनके खिलाफ चार साल पहले खेला था, यह बहुत लंबा समय है। वह एक खिलाड़ी के रूप में परिपक्व हो गए हैं और उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।”