Bangladesh Liberation War: बांग्लादेश का 50वां विजय दिवस त्रिपुरा में भी मनाया गया, शहीदों को सम्मान के साथ याद करते हुए दी गई श्रद्धांजलि

अगरतला, 16 दिसंबर (हि. स.) । 50वां विजय दिवस बांग्लादेश के साथ-साथ त्रिपुरा में भी मनाया गया है। मुख्य कार्यक्रम अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय में आयोजित किया गया है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने के लिए साइकिल रैलियों का आयोजन किया गया है। आज 50 साइकिल सवार 50 किमी की दूरी तय कर चुके हैं। त्रिपुरा के परिवहन मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने सुबह लिचु बागान के अल्बर्ट एक्का पार्क में शहीद सैनिक अल्बर्ट एक्का के चित्र पर माल्यार्पण किया है। इस अवसर पर त्रिपुरा विधान सभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के कार्यालय में उपस्थित थे। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स का त्रिपुरा चैप्टर अगरतला इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर बांग्लादेश के लैंड पोर्ट अधिकारियों का अभिबादन किया है।

16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश स्वतंत्र हुआ था। 9 महीने का युद्ध भारतीय सेना और लिबरेशन आर्मी ने मिलकर युद्ध में बांग्लादेश नामक एक स्वतंत्र राज्य के जन्म के साथ समाप्त हुआ। बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए कई भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। इतना ही नहीं, त्रिपुरा ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। क्योंकि, तब लाखों शरणार्थियों को त्रिपुरा में शरण दी गई थी। बांग्लादेश की आजादी के बाद उस देश की पहली कैबिनेट बैठक अगरतला के सर्किट हाउस के कमरा नंबर 10 में हुई थी। बांग्लादेश ने त्रिपुरा के इस योगदान को हमेशा कृतज्ञता के साथ याद किया है। इस लिहाज से महान विजय दिवस त्रिपुरा के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

अगरतला स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त मोहम्मद जुबायेद हुसैन ने कहा, “आज का कार्यक्रम महान विजय दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के साथ शुरू होया है। फिर राष्ट्रगान और मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 1 मिनट का मौन रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती मौजूद थे। हम सभी ने राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके अनुसार, त्रिपुरा ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसलिए दोनों देशों के बीच दोस्ती और भाईचारे के संबंधों को और मजबूत करने के लिए साइकिल रैलियों का आयोजन किया गया है। उनके मुताबिक आजादी के 50 साल पूरे होने पर 50 साइकिल चालक 50 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। वे अगरतला चेक पोस्ट के जीरो प्वाइंट पर जाएंगे, जहां से वे सहायक उच्चायोग के कार्यालय में आकर रैली समाप्त करेंगे।

मोहम्मद जुबायेद हुसैन ने कहा, प्रसिद्ध गीतकार सुबिमल भट्टाचार्य ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बारे में कई गीत लिखे हैं। आज वह महान विजय दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में नया गीत गाएंगे। इतना ही नहीं, त्रिपुरा और बांग्लादेश के दो बाचिक कलाकार इस कार्यक्रम में कविता पाठ करेंगे।

आज त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने कहा कि त्रिपुरा ने मुक्ति संग्राम में मदद का हाथ बढ़ाया था। बड़ी संख्या में शरणार्थियों ने त्रिपुरा में शरण ली थी। आज उन्होंने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके शब्दों में मुक्ति संग्राम में बंगालियों का जागरण हुआ। उस जागृति के विस्फोट ने नया इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में शुरुआत त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री सचिंद्र लाल सिंह और देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व से हुई थी। साथ ही वह आज मुक्ति संग्राम के महान योद्धाओं को याद किये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की हत्या की बार-बार कोशिशें होती रही हैं, लेकिन आजादी के चाहने वालों ने उस कोशिश को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मदद से त्रिपुरा में उग्राबाद को ख़तम करना संभव हुआ। बांग्लादेश ने भी त्रिपुरा के विकास में मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने दावा किया कि इस तरह दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध और मजबूत होंगे।

आज त्रिपुरा के परिवहन मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने लिचुबगन के अल्बर्ट एक्का पार्क में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश को आजादी की लिए पाक सेना के बिरोद्ध लड़ाई में भारतीय सेना और मुक्ति युद्धा के समर्पण से आजादी मिली है। आजादी की उस जंग में जवानों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। आज मैं उन्हें और उनके परिबार को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारतीय सेना के जवान अल्बर्ट एक्का की मौत हो गई। मैं उन्हें सम्मान देता हूं और बांग्लादेश के सभी हिस्सों के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। इस बीच, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के त्रिपुरा चैप्टर ने आज अगरतला इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट पर बांग्लादेश लैंड पोर्ट के अधिकारियों को महान विजय दिवस की शुभकामनाएं देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था।
गौरतलब है बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में शामिल त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों का एक एहम भूमिका है। बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त ने कहा कि वे उन जगहों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। आज उन्होंने कहा, छोटाखला में मैत्री उद्यान बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का सबसे बड़ा उदाहरण है। और भी कई जगह हैं जिनसे बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की यादें जुड़ी हैं। उन्होंने दावा किया कि कोबिड के कारण कुछ देरी हुई। लेकिन, उन सभी जगहों को खोजने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर त्रिपुरा के परिवहन मंत्री के साथ चर्चा की गई है।

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