राजनांदगांव : सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट से खेतों की बूझ रही प्यास

रायपुर / राजनांदगांव , 3 दिसंबर (हि.स.)। जल की उपलब्धता एवं महत्व को समझते हुए पानी का अधिकतम उपयोग करने की सोच के अनुरूप किए गए कार्य के सार्थक परिणाम मिल रहे हैं।

शासन की पहल पर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला के मोहड़ स्थित वार्ड क्रमांक 51 में अमृत मिशन योजनांतर्गत नगर पालिक निगम द्वारा 6.2 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर विगत तीन माह से सुचारू रूप से चल रहा है। नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से जल के हरसंभव उपयोग की यह तकनीक जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक नया प्रयोग है। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए उपलब्ध दूषित पानी को उपयोगी बनाकर खेती किसानी में प्रयोग करने की यह पहल अनूठी है।

एक वक्त था जब गंदा पानी नालों के माध्यम से होता हुआ शिवनाथ नदी को प्रदूषित कर रहा था, किन्तु वर्तमान स्थिति में फिल्टर किया हुआ पानी नजदीकी समीपस्थ खेतों में पानी की आवश्यकता की पूर्ति कर रहा है। 12 करोड़ पांच लाख रुपये की लागत से निर्मित प्लांट में शहर के गंदे नाले का पानी साफ किया जा रहा है। संपूर्ण प्लांट स्काडा एवं पूर्ण आटोमेशन तकनीक पर संचालित है।

योजनांतर्गत उक्त नाले पर वियर बनाकर पानी का संग्रह किया जा रहा है। जहां से यह गंदा पानी पंपों के माध्यम से तीन किमी दूर मोहड़ वार्ड नंबर 51 में बने एसटीपी में पहुंचाया जाता है। एसबीआर टेक्नालॉजी आधारित प्लांट में डिकेन्टर, स्लज थिकनर मशीन के माध्यम से गंदे पानी को साफ किया जा रहा है। इसके बाद कीटाणु निसंक्रमण हेतु गैस क्लोरीनेशन का प्रयोग किया जा रहा है। साफ पानी की गुणवत्ता जांचने हेतु सुसज्जित प्रयोगशाला उपलब्ध है।

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