नौसेना प्रमुख ने माना- चीन सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां बढ़ीं

भारत के समुद्री क्षेत्र में किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार

  • हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन के सात से आठ युद्धपोत तैनात, गतिविधियों पर है पैनी नजर
  • हमारी अगली योजना आईओआर में सभी गतिविधियों और तैनाती पर ध्यान देना

नई दिल्ली, 03 दिसम्बर (हि.स.)। नौसेना प्रमुख बनने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडमिरल आर. हरि कुमार ने माना कि चीन सीमा पर मौजूदा हालातों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जटिलताओं को बढ़ा दिया है। उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि भारतीय नौसेना किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। नेवी चीफ ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका का विस्तार करने के लिए काम किया जा रहा है। 28 महिला अधिकारी पहले से ही युद्धपोतों पर तैनात हैं जिनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि हम पिछले कुछ वर्षों में चीनी नौसेना के 110 युद्धपोतों के निर्माण के विकास से अवगत हैं। चीनी नौसेना 2008 से हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मौजूद है और उनके यहां सात से आठ युद्धपोत हैं। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जब तनाव चरम पर था तब नौसेना की सक्रिय तैनाती ने समुद्री क्षेत्र में चीन के किसी भी दुस्साहस को रोकने में मदद की थी। हम तब भी आईओआर में आ रहे हर शिप पर निगरानी रख रहे थे और अब भी निगरानी में जरा भी कमी नहीं आई है। हर देश अपनी योजनाएं बनाता है, हम भी सभी गतिविधियों को ध्यान में रखकर नीति बनाते हैं। एक हमारी अगली योजनाएं आईओआर में सभी गतिविधियों और तैनाती पर ध्यान देंगी।

उन्होंने आश्वस्त किया कि भारतीय नौसेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार है। भारतीय नौसेना देश के सामने संभावित सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए प्लेटफार्मों का अधिग्रहण कर रही है। संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित समुद्री थियेटर कमांड के गठन पर काम किया जा रहा है और इसका मूल ढांचा अगले साल तक आने की उम्मीद है।

नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि नौसेना के समग्र कामकाज के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका का विस्तार करने के लिए काम किया जा रहा है। 28 महिला अधिकारी पहले से ही युद्धपोतों पर तैनात हैं जिनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास स्वदेशी मानव रहित हवाई, पानी के भीतर और स्वायत्त प्रणालियों की योजना के साथ दस साल का रोड मैप है।

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोम की भारत में दस्तक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए नौसेना के अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया गया है। परिचालन क्षमता प्रभावित न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने कर्मियों के लिए एसओपी में ढील नहीं दी है। हम ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के खतरे से इंकार नहीं किया जाता। एडमिरल ने चुटकी लेते हुए कहा कि हर जगह ‘शिप’ अहम है चाहे रिलेशनशिप, कोर्टशिप, चेयरमैनशिप, सिटिजनशिप, व्यूवरशिप हो या लीडरशिप। नेवी चीफ ने कहा बस एक शिप नहीं चाहिए वह है- वन अप मैनशिप। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) और सीडीएस का पद सृजित करना सेना में सबसे बड़ा सुधार है जिससे तेजी से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ी है।

वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना ने इस साल 22 द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र के सूचना संलयन केंद्र में 14 देशों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है जिसमें से अब तक 09 शामिल हो चुके हैं। पिछले सात वर्षों में नौसेना में शामिल किए गए 28 जहाजों को भारत में बनाया गया है। ‘आत्म निर्भर भारत’ अभियान पर फोकस करते हुए उन्होंने बताया कि नौसेना के लिए निर्माणाधीन 39 जहाजों और पनडुब्बियों में से 37 देश में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना द्वीप क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो परिचालन में बदलाव के लिए स्प्रिंगबोर्ड के रूप में कार्य कर सकता है।

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