नई दिल्ली, 03 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक महत्वपूर्ण डिजिटल प्रेस वार्ता कर बताया कि ‘दिल्ली सरकार’ बनने के बाद पिछले सात साल में पूरे दिल्ली में 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। यह 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरे सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, आडब्ल्यूए, कॉलोनी, मोहल्ले, गलियों और स्कूलों समेत दिल्ली के कोने-कोने में लगाए गए हैं। आज की तारीख में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में दिल्ली पूरी दुनिया में नंबर वन है।
किसी शहर में प्रति वर्ग किलोमीटर कितने सीसीटीवी कैमरे हैं, इसमें दिल्ली पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है। एक संस्था ने 150 शहरों का एक सर्वे कराया था, जिसमें दिल्ली नंबर वन स्थान पर है। प्रति वर्ग मील में दिल्ली में 1826 सीसीटीवी कैमरे हैं।
इसके बाद दूसरे नंबर पर लंदन आता है। लंदन में प्रति वर्ग मील में 1138 कैमरे हैं। दिल्ली में लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या से लंदन बहुत दूर है। इस तरह, कैमरे लगाने के मामले में लंदन, न्यूयार्क, सिंगापुर, पेरिस समेत अन्य शहरों से दिल्ली बहुत आगे है। दिल्ली में हम इतने सीसीटीवी कैमरे लगा चुके हैं कि इन सभी शहरों से दिल्ली की कोई तुलना ही नहीं है।
दिल्ली के बाद दूसरे नम्बर पर चेन्नई
मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि भारत में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में दिल्ली के बाद चेन्नई दूसरे स्थान पर आता है। चेन्नई से दिल्ली में तीन गुना ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जबकि मुम्बई से दिल्ली में 11 गुना ज्यादा सीसीटीवी कैमरे हैं। दिल्ली में जब से सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, उससे महिलाओं की सुरक्षा में इजाफा हुआ है और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी हैं।
कैमरे लगाने में कई अड़चने आईं
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों के लिए खुशखबरी लेकर आई है, दिल्ली में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे और लगाने जा रहे हैं। अभी दिल्ली में 2.75 लाख कैमरे लग चुके हैं। इसके अतिरिक्त 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे और लगाने का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। इसके बाद दिल्ली में कुल 4.15 हजार कैमरे हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में कैमरे लगाने में काफी अड़चनें आई थीं। सीसीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए एक बार ‘आप पार्टी’ को एलजी हाउस में धरना भी करना पड़ा था। केंद्र सरकार ने खूब अड़चनें लगाई, लेकिन दिल्ली सरकार भी डंटे रहे, हम भी लगे रहे।
इन मॉडर्न कैमरों के खराब होने पर कमांड सेंटर में बजेगा अलार्म
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की कंपनी भारत इलेक्ट्रिक्स लिमिटेड कंपनी दिल्ली में सभी कैमरे लगा रही है। यह बहुत ही मॉडर्न कैमरे हैं। कई बार हम कैमरे लगा देते हैं। वे कैमरे खराब हो जाते हैं और पता भी नहीं चलता है। फिर जब कोई अपराध हो जाता है, तो पता चलता है कि सीसीटीवी कैमरा खराब पड़ा था, लेकिन इस कैमरे की खासियत यह है कि अगर कैमरा खराब होगा और काम नहीं करेगा, तो इस संबंध में कमांड सेंटर में एक अलार्म आ जाएगा। कुछ लोगों के मोबाइल नंबर भी फीड होंगे, जिस पर इस संबंध में एसएमएस आ जाएंगे।
सीसीटीवी प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार है
-दिल्ली की सीसीटीवी परियोजना गुणवत्ता, गोपनीयता और स्वचालित निगरानी के मद्देनजर अत्यधिक नवीन तकनीक पर आधारित है। इस सिस्टम के रोलआउट में नवाचार भी शुरू किए गए हैं, जो पुलिस, आरडब्ल्यूए, बाजार एसोसिएशंस और लोक निर्माण विभाग द्वारा सहयोगात्मक रूप से किए जाते हैं।
-प्रत्येक आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन में क्षेत्रों को कवर करने के लिए लगभग 30 से 40 कैमरे होंगे। दिल्ली के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में लगभग दो-दो हजार कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं।
-सीसीटीवी लगाने से पहले, पीडब्ल्यूडी, पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक आम सभा बैठक होगी, जिसमें सीसीटीवी की लोकेशन तय करने के लिए एक फॉर्म जमा किया जाएगा।
-कैमरों और एनवीआर डिवाइस की निगरानी के लिए कुछ सदस्यों को नामित किया जाएगा। यूपीएस और एनवीआर बॉक्स को एसी बिजली की आपूर्ति यूनिट के नजदीक के किसी भी निवासी से होगी, कैमरा एनवीआर से संचालित होगा। मासिक बिजली खपत शुल्क दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- कैमरा फीड केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाएगी। अर्थात् पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर, जो आईटीओ में पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में स्थित है, आरडब्ल्यूए निगरानी कक्ष और पुलिस द्वारा प्रदान की जाएगी।
- कैमरे से सर्वेक्षण किए गए क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से साइनेज के साथ चिह्नित किया जाएगा। क्षेत्र में एक पैनिक बटन प्रदान किया जाएगा और स्पष्ट रूप से चिह्नित भी किया जाएगा, जो आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को एसएमएस अलर्ट प्रदान करेगा।
- कैमरे दिन और रात विजन के साथ एचडी 4-एमपी आईपी आईआर के साथ होंगे।
- एनवीआर और सर्वर सुरक्षित फायरवॉल के साथ 4जी, 3जी, 2जी और जीपीआरएस से जुड़े हुए हैं।