भोपाल, 02 दिसंबर (हि.स.)। साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने फिर से दुनियाभर के देशों में दहशत पैदा कर दी है। भारत में भी इसे लेकर सावधानी बरती जा रही है, जिसके चलते मध्य प्रदेश सरकार एवं यहां के शिक्षा संस्थान भी अलर्ट हैं। इसे लेकर मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) भी विशेष एहतियात बरत रहा है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, वास्तुकला और प्रबंधन के संस्थान मैनिट में अब बीटेक, बी.प्लान (फोर्थ इयर), बीआर्क के लिए फिजिकल तौर पर छह दिसंबर से खुलने वाली कक्षाओं पर रोक लगा दी गई है। सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी, लेकिन कक्षा में विद्यार्थियों का आना स्थगित रहेगा।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डॉ. विष्णुप्रसाद का कहना है कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है, बल्कि फिर से एक बार इसके मामलों में वृद्धि होते हुए देखा जा रहा है। संस्थान अपने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत है और वह नहीं चाहता कि किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा हो। इसलिए जब पहले निर्णय लिया गया था कि सभी कक्षाओं को छह दिसंबर से फिजिकल तौर पर आरंभ कर दिया जाएगा, अब इस निर्णय को रोका गया है। छात्रों की 13 दिसंबर से प्रायोगिक कक्षाएं शुरू होनी थी, पर नए हालातों को देखते हुए फिलहाल संस्थान प्रबंधन ने कक्षाएं ऑनलाइन ही चलाए रखने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि जब भी कक्षाएं शुरू होंगी तब विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे अपने साथ 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आएं। इसे लेकर पूर्व में ही मैनिट प्रबंधन द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। यहां फिलहाल किसी भी प्रकार की गतिविधि सोशल, खेल, सांस्कृतिक, धार्मिक आदि आयोजनों पर भी रोक लगाई गई है। अगर कोई भी छात्र नियमों को तोड़ता है तो उस पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जब से ओमीक्रोन का पता चला है, तब से केंद्र और राज्य सरकारें इसे लेकर अलर्ट मोड पर हैं। नए वैरिएंट को लेकर सरकार विशेषज्ञों से सुझाव मांग रही है। इसकी स्टडी जारी है। यह वैरिएंट साउथ अफ्रीका, बेल्जियम, हांगकांग, बोत्सवाना समेत दूसरे देशों में बड़ी ही तेजी से फैल रहा है। अब तक यह बात भी सामने आ चुकी है कि ओमीक्रोन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक है। इसके 30 से ज्यादा म्यूटेशन मिल चुके हैं जबकि डेल्टा वैरिएंट में करीब 15 म्यूटेशन मिले थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ की कैटेगरी में डाला है।
चिकित्सकों ने फिर कहना शुरू कर दिया है कि कोरोना के मामलों में आई कमी के चलते लोगों ने फिर शादी, पार्टी, और सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क लगाए और इससे जुड़ी सावधानियों के प्रति लापरवाही करना शुरू कर दिया था, लेकिन अब सभी को कोविड सावधानियां बरतनी होंगी। यदि चार-छह हफ्ते मास्क समेत कोरोना के सभी नियमों का उचित तरीके से पालन किया जाएगा तो काफी हद तक कोरोना के बढ़ते मामलों के खतरे को टाला जा सकता है।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान भोपाल में 1960 से स्थापित है जिसे कि 2002 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया। 2007 में एनआईटी अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में इसे मान्यता दी गई। संस्थान पूरी तरह से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है, भारत सरकार एनआईटी परिषद द्वारा शासित है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल मध्यप्रदेश का सबसे प्रतिष्ठत तकनीकी संस्थान हैं, साथ ही साथ मध्य भारत क्षेत्र मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्रों का भी सबसे बेहतर और उच्च गुणवत्ता का संस्थान है। यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, वास्तुकला और प्रबंधन में स्नातक, मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री प्रदान करता है। इस संस्थान में 8 विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरिंग, अभियांत्रिकी, विद्युत, इलेक्टॉनिकी तथा संचार, कम्प्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी में चार वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम और एक पांच वर्षीय बी.आर्क. पाठयक्रम का संचालन करता है।